17 वर्षों की प्रतीक्षा फिर हुई निराशा में तब्दील: जमालपुर कारखाना संघर्ष मोर्चा ने रेल मंत्री को सौंपा मांग पत्र
रेल सुविधा विस्तार और निर्माण दर्जा की पुरानी मांगें अब भी अधूरी, पप्पू यादव बोले – “जनता फिर ठगी गई”
जमालपुर, संवाददाता।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के जमालपुर आगमन पर उम्मीदों की जो किरणें जगी थीं, वे शुक्रवार को निराशा में तब्दील हो गईं। जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा ने रेल मंत्री को जमालपुर स्टेशन पर ज्ञापन सौंपते हुए वर्षों से लंबित मांगों की याद दिलाई, परंतु मोर्चा के संयोजक सह सपा जिला अध्यक्ष पप्पू यादव ने दो टूक कहा – “17 साल बाद फिर एक बार लौह नगरी की जनता छली गई है।”
ज्ञापन में कारखाना को निर्माण कारखाने का दर्जा देने, डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में परिवर्तित करने, कारखाना और डीजल शेड को पूर्व मध्य रेलवे में शामिल करने, वाईलेग पर स्टेशन निर्माण, एससीआर की पढ़ाई पुनः आरंभ करने, रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना, तथा नगर परिषद द्वारा रेलवे जमीन पर हो रहे अतिक्रमण पर तत्काल रोक जैसी कई बिंदुओं को शामिल किया गया।
संघर्ष मोर्चा का आरोप – रेल मंत्री के दौरे से नहीं मिले ठोस संकेत
ज्ञापन सौंपने के उपरांत पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनता को इस दौरे से कुछ ठोस घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन नतीजा शून्य रहा। “रेल मजदूर और क्षेत्रवासी वर्षों से जिन मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, उनकी उपेक्षा एक बार फिर हुई है। यह केवल स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय औद्योगिक विकास के लिए भी चिंता का विषय है,” उन्होंने कहा।
मौजूद रहे कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि
इस मौके पर संघर्ष मोर्चा के सह संयोजक कन्हैया सिंह, सीपीआई के संजीवन सिंह, जाप के पप्पी उर्फ पप्पू यादव, जन सुराज के दिनेश सिंह, बसपा के कृष्णानंद राउत, मनोज क्रांति, सुबोध तातीं, अमर शक्ति, अमिताभ कश्यप समेत कई नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में रेल कारखाने को लेकर सरकार से गंभीरता से कार्रवाई की मांग की।
स्थानीय मुद्दों पर फिर राजनीतिक गर्माहट
रेल मंत्री के दौरे ने जहां एक ओर उम्मीदें जगाईं, वहीं वादों की अनुपस्थिति ने स्थानीय राजनीति में फिर से गर्माहट ला दी है। संघर्ष मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ठोस पहल नहीं हुई, तो चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।