रांची
झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में जनजातीय जनसंख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। केंद्र सरकार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 1951 में इस क्षेत्र में जनजातीय आबादी 44% थी, जो अब घटकर 28% रह गई है। केंद्र ने यह आंकड़े झारखंड उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे के जरिए पेश किए, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ी चिंता भी व्यक्त की गई है।
जनसांख्यिकीय बदलाव पर केंद्र की नजर
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि पिछले कुछ दशकों में संथाल परगना, जो पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ है, में बड़े पैमाने पर जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुए हैं। विशेष रूप से पिछले एक दशक में जनजातीय आबादी में तेजी से कमी आई है। सरकार का कहना है कि इस क्षेत्र में बाहरी लोगों की घुसपैठ, धर्मांतरण और पलायन की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण जनजातीय जनसंख्या में गिरावट आई है।
जनजातीय भूमि पर अवैध कब्जे
केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी आरोप लगाया कि संथाल परगना में बड़ी संख्या में जनजातीय भूमि को उपहार पत्रों के माध्यम से कब्जा किया जा रहा है, जो मौजूदा भूमि कानूनों का उल्लंघन है। सरकार का मानना है कि बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या के कारण जनजातीय लोगों की जमीनें छीनी जा रही हैं और उनकी आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।
मदरसों की संख्या में वृद्धि
केंद्र सरकार ने हलफनामे में यह भी उल्लेख किया कि हाल के दिनों में संथाल परगना में मदरसों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। खासकर सीमा से सटे साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे बनाए गए हैं। सरकार ने इस पर भी चिंता जताई है और इसे क्षेत्र के जनसांख्यिकीय बदलाव से जोड़ा है।
NRC लागू करने की मांग
केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय से इस क्षेत्र में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। सरकार का कहना है कि जब तक NRC लागू नहीं किया जाता, तब तक बाहरी लोगों की पहचान कर उन्हें वापस भेजना संभव नहीं है। सरकार ने कहा कि उसके पास घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के उपाय हैं, लेकिन इसके लिए NRC की आवश्यकता है।
आधार पर केंद्र का बयान
इसके अलावा, यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने भी अदालत में अपना जवाब दाखिल किया है। UIDAI ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड कभी भी नागरिकता का आधार नहीं हो सकता, यह केवल एक विशिष्ट पहचान पत्र है और इसका उपयोग नागरिकता साबित करने के लिए नहीं किया जा सकता।