जमालपुर
नगर परिषद की उदासीनता और लापरवाही के चलते शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्रों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की कमी से आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं और राहगीरों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को भी ठेंगा दिखा रहा है।
शहर के बजट में 2023-24 के दौरान सार्वजनिक और चलंत शौचालयों के निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए और 2024-25 में 2 करोड़ 40 लाख रुपए प्रस्तावित किए गए थे। इसके बावजूद, सदर बाजार और अन्य प्रमुख इलाकों में अब तक शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है। जिससे लोगों को शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर होना पड़ता है, और खासकर महिलाओं की समस्याएं और बढ़ गई हैं।
नगर परिषद की ओर से मार्च 2023 में बोर्ड की बैठक में मॉडल डीलक्स शौचालयों के निर्माण का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ था। जुबली वेल स्थित पुराने पेट्रोल पंप और सदर बाजार की सब्जी मंडी में शौचालयों के निर्माण हेतु करीब 20 लाख रुपए की ई-निविदा भी निकाली गई, लेकिन अब तक जमीनी स्तर पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
स्थानीय वार्ड पार्षद साईं शंकर का कहना है कि नप प्रशासन की लापरवाही के चलते शहर में चलंत शौचालयों को फरीदपुर और काली पहाड़ जैसे क्षेत्रों में डंप कर दिया गया है, जिससे लाखों रुपए की बर्बादी हो रही है। सफाई और मेंटेनेंस के अभाव में ये शौचालय बेकार साबित हो रहे हैं और शहर की जनता इन बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।
शहर में खुले में शौच की समस्या को दूर करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी धनराशि दी जा रही है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं।