पटना
बिहार के सरकारी स्कूलों में दुर्गा पूजा की छुट्टियों में की जा रही कटौती से शिक्षकों में गहरा असंतोष व्याप्त हो गया है। शिक्षकों ने स्पष्ट रूप से सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे विरोधस्वरूप काला पट्टी बांधकर स्कूलों में ही शिक्षण कार्य करेंगे। साथ ही, कई शिक्षकों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अवकाश बहाल नहीं हुआ तो वे विद्यालयों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे।
शिक्षक संघ के प्रमुख नेता अमित विक्रम ने इस विषय पर बोलते हुए कहा कि पहले तीज और जितिया व्रत की छुट्टी को भी रद्द कर दिया गया था, लेकिन शिक्षकों के विरोध के बाद इसे पुनः बहाल किया गया। अब दुर्गा पूजा की छुट्टी को घटाकर शिक्षकों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। विक्रम ने कहा, “दशहरा के दौरान पहले कलश स्थापना से लेकर विजयदशमी तक छुट्टियां होती थीं, लेकिन अब हर साल छुट्टियों में कटौती की जा रही है, जो अस्वीकार्य है।”
शिक्षक करेंगे कलश स्थापना शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि 3 अक्टूबर तक सरकार ने दुर्गा पूजा की छुट्टियों को बहाल नहीं किया, तो वे विद्यालयों में कलश स्थापना करेंगे और पूजा अनुष्ठान करेंगे। उनका मानना है कि दुर्गा पूजा के दौरान स्कूल बंद रहने चाहिए, ताकि सभी शिक्षक और छात्र-छात्राएं इस महापर्व को मनाने में सक्षम हो सकें।
सरकार की मजबूरी या अनदेखी? शिक्षकों का आरोप है कि सरकार केवल दिखावे के तौर पर छुट्टियों की समीक्षा कर रही है, लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को अनदेखा किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना विरोध तेज करेंगे और इसका असर पूरे राज्य के शिक्षण कार्यों पर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है, और विजयदशमी 12 अक्टूबर को है।