बिहार, पटना
बिहार में बाढ़ की स्थिति दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। राज्य के कई जिलों में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हालात नियंत्रण में नहीं आ पा रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, जिसमें वे स्थिति का जायजा लेकर आगामी रणनीति पर विचार कर सकते हैं।
प्रदेश की प्रमुख नदियों में उफान आने का कारण पड़ोसी देश नेपाल से छोड़ा गया पानी है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में तटबंध टूट गए हैं। इन तटबंधों के टूटने से निचले क्षेत्रों में पानी तेजी से फैल रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। कई गांव पानी में डूब चुके हैं और लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। सरकार की ओर से राहत शिविर लगाए गए हैं, लेकिन बाढ़ प्रभावितों की संख्या को देखते हुए यह नाकाफी साबित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हवाई सर्वेक्षण में जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों का दल भी शामिल रहेगा। मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को मुस्तैदी से काम करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि तटबंधों की स्थिति पर विशेष नजर रखी जाए और जहां आवश्यक हो, वहां त्वरित कार्यवाही की जाए।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री आज की बैठक में बाढ़ से निपटने के लिए कुछ ठोस फैसले ले सकते हैं, जिसमें राहत पैकेज और पुनर्वास योजनाएं भी शामिल हो सकती हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह की आपात स्थिति में तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।
आपदा प्रबंधन की चुनौतियां:
बिहार में हर साल मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, लेकिन इस वर्ष की बाढ़ पहले से अधिक विकट है। नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी और लगातार हो रही बारिश ने संकट को और बढ़ा दिया है। सरकार की प्राथमिकता अब बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना है।
बाढ़ के इस प्रकोप से राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर खेतीबाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संकट की घड़ी में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं, ताकि जनजीवन सामान्य हो सके और नुकसान को कम से कम किया जा सके।