हाजीपुर
निषाद संकल्प यात्रा के दौरान वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने हाजीपुर में कार्यकर्ताओं के बीच अपनी बात रखते हुए निषाद समाज की उपेक्षा पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “अगर निषाद समाज को आरक्षण मिला होता, तो आज हमारा बेटा भी कलेक्टर और अन्य बड़े पदों पर होता।” 1 अक्टूबर से शुरू हुई यह संकल्प यात्रा अगले साल 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगी, जिसमें राज्य के हर जिले में जाकर निषाद समाज के अधिकारों के लिए लड़ाई का संकल्प लिया जाएगा।

निषाद समाज को अनदेखा करना अब संभव नहीं
मुकेश सहनी ने कहा कि चुनाव के समय सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां निषाद समाज से समर्थन मांगकर सत्ता की कुर्सी तक पहुंचती हैं, लेकिन बाद में निषाद समाज को भुला दिया जाता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि निषाद समाज अपनी सरकार खुद बनाए और अपने अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाए।

उन्होंने कहा, “आज जब दुनिया चांद पर घर बना रही है, तब हमारे निषाद समाज के लोगों के पास अपने ही राज्य में सम्मानजनक जगह नहीं है।” सहनी ने आरोप लगाया कि निषाद समाज के बच्चों को ऊंचे ओहदों तक पहुंचने से सिर्फ आरक्षण के अभाव में रोका जा रहा है, और इसे बदलने के लिए समाज को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।

तीन चरणों में होगा संकल्प यात्रा का आयोजन
वीआईपी प्रमुख ने बताया कि इस संकल्प यात्रा को तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में सभी जिलों के मुख्यालयों में जाकर संगठन की मजबूती पर चर्चा की जाएगी। दूसरे चरण में जिले स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे, जहां बूथ स्तर पर संगठन को और मजबूत करने की रणनीति बनेगी। तीसरे और अंतिम चरण में बिहार के हर जिले में निषाद सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य निषाद समाज को राजनीतिक रूप से संगठित और सशक्त बनाना है।

निषाद समाज की ताकत से घबराई सरकारें
सहनी ने दावा किया कि आज निषाद समाज की एकजुटता से सभी राजनीतिक दल भयभीत हैं। उन्होंने कहा, “देश का प्रधानमंत्री तक निषाद समाज से डर रहा है। अब निषादों को पीछे ढकेलना संभव नहीं है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है और गरीबों का शोषण किया जा रहा है, लेकिन अब निषाद समाज अपनी ताकत से सत्ता परिवर्तन करेगा।”

उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे अपने वोट की ताकत को पहचानें और चंद रुपयों के लालच में इसे न बेचें। “हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को गुलामी से आजाद कराना है और यह तभी संभव है जब हम एकजुट होकर अपनी सरकार बनाएंगे,” सहनी ने कहा।

निषाद संकल्प यात्रा का उद्देश्य
सहनी ने इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य निषाद समाज को उनके अधिकार दिलाना बताया और कहा कि यह यात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक समाज को उनका हक नहीं मिल जाता।

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