मुंबई

वानखेड़े स्टेडियम में रविवार को भारत को न्यूजीलैंड ने तीसरे टेस्ट में 25 रनों से हरा कर तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। भारतीय क्रिकेट इतिहास में 91 वर्षों में यह पहली बार है जब घरेलू मैदान पर टीम को इतनी करारी हार का सामना करना पड़ा है।

यह पराजय तब और भी चौंकाने वाली थी, क्योंकि न्यूजीलैंड अपने प्रमुख बल्लेबाज़ केन विलियमसन के बिना आया था और हाल ही में श्रीलंका से 0-2 की हार झेल कर यहां पहुंचा था। वहीं, भारतीय टीम पूरी ताकत के साथ खेल रही थी, लेकिन श्रृंखला में कहीं भी अपना दबदबा नहीं बना पाई।

रविवार को भारत ने 147 रनों का लक्ष्य रखा, जो मामूली था, लेकिन पूरी टीम केवल 121 रनों पर ढेर हो गई। ऋषभ पंत (64) के संघर्ष के बावजूद कोई भी बल्लेबाज़ उनके साथ टिक नहीं पाया। भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम ने शुरुआत में ही 16 रनों पर पाँच अहम विकेट खो दिए, जिससे मैच भारतीय टीम के हाथ से निकल गया। वानखेड़े में अजाज़ पटेल ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए मैच में कुल 11 विकेट लिए और भारत के बल्लेबाज़ों को लगातार परेशानी में डाले रखा।

कप्तान रोहित शर्मा ने इस हार को अपने करियर का सबसे निराशाजनक पल बताया। उन्होंने माना कि बल्ले से वे अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके। वहीं, कोच गौतम गंभीर के सामने भी सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर जब भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा नवंबर में शुरू हो रहा है।

भारत की इस हार ने उसे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में शीर्ष स्थान से नीचे गिरा दिया है और अब फाइनल में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

ऋषभ पंत ने अकेले संघर्ष करते हुए नौ चौके और एक छक्का लगाया, लेकिन विवादास्पद थर्ड अंपायर के फैसले ने उनके प्रयास पर पानी फेर दिया।

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