ब्रैम्पटन

कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में रविवार को कथित खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदू श्रद्धालुओं पर किए गए हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा कर दिया है। घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें हमलावर लाठियों से लैस होकर महिलाओं और बच्चों सहित मंदिर में आए लोगों पर हमला करते हुए देखे जा सकते हैं।

इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे “अस्वीकार्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “हर कनाडाई को अपनी आस्था को सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से मानने का अधिकार है।” इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए प्रशंसा भी व्यक्त की।

हिंदू-कनाडाई संगठन की निंदा, मासूम श्रद्धालुओं को बताया पीड़ित
कनाडा का प्रमुख हिंदू-कनाडाई संगठन ‘हिंदू कनाडियन फाउंडेशन’ ने इस हिंसा की आलोचना करते हुए कहा कि इस घटना ने सैकड़ों मासूम श्रद्धालुओं, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को प्रभावित किया है। संगठन ने इसे कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया।

प्रदर्शन से हिंसा में बदली सभा, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई
स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला उन खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया था जो 1984 के दंगों की बरसी के मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे। हालाँकि, यह प्रदर्शन जल्द ही हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद पुलिस ने क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी है।

पुलिस प्रमुख ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी
पील क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख निशान दुरईअप्पा ने घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि कनाडा में शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है, परंतु किसी भी प्रकार की हिंसा या अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विपक्ष ने की तीखी आलोचना, सभी कनाडाईयों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की मांग
कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलीएव्रे ने भी इस हिंसा की निंदा करते हुए इसे “पूरी तरह से अस्वीकार्य” बताया। उन्होंने कहा, “हर कनाडाई को अपने धर्म का पालन शांति से करने का अधिकार है।” उन्होंने कनाडाई समुदाय को एकजुट होकर शांति बनाए रखने का आह्वान किया।

भारत-कनाडा संबंधों में बढ़ी खटास, नई दिल्ली ने जताई चिंता
घटना के बाद भारत और कनाडा के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और खटास आ गई है। भारत ने कनाडा से लंबे समय से खालिस्तानी चरमपंथ पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। भारत का आरोप है कि कनाडा में इन तत्वों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समर्थन मिल रहा है, जो भारतीय समुदाय की सुरक्षा के लिए खतरा है।

हिंदू-कनाडाई सांसद का आह्वान, ‘समुदाय को अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा’
भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्या ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, “कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने एक लाल रेखा पार कर दी है।” उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों और राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराएं।

ब्रैम्पटन के मेयर ने भी की निंदा, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर दिया जोर
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने घटना पर गहरी निराशा व्यक्त की और कहा कि कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता एक बुनियादी मूल्य है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति को अपने पूजा स्थल पर सुरक्षित महसूस करना चाहिए,” और यह भी जोड़ा कि पुलिस इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

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