पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं का भी शुभारंभ
दरभंगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के दरभंगा जिले में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के निर्माण की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने मिथिला क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। 1700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एम्स का निर्माण 188 एकड़ में किया जाएगा, जो अगले 36 महीनों में पूरा होने की योजना है। दरभंगा एम्स बिहार का दूसरा एम्स होगा, जो स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने बिहार में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिसमें सड़कों, रेलवे और गैस ढांचों से जुड़े विकास कार्य शामिल हैं। इस अवसर पर उन्होंने 398 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली दरभंगा बाइपास रेल लाइन का वर्चुअली शुभारंभ किया और झंझारपुर से लौकहा बाजार ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
मिथिला के संस्कृतिक धरोहर को किया याद
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने मिथिला की प्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा को याद किया और उनके गीतों के जरिए छठ पर्व को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा का योगदान भोजपुरी और मैथिली संस्कृति को सशक्त करने में अद्वितीय है।
एम्स से स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन
पीएम मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स से बिहार के मिथिला, कोसी और तिरहुत के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और नेपाल तक के मरीजों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, इस संस्थान के निर्माण से रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे इन प्रयासों से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को महंगे इलाज से मुक्ति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश के कोने-कोने में एम्स की सुविधा पहुंचाई जा रही है। पहले देश में मात्र एक ही एम्स था, लेकिन अब दो दर्जन से अधिक एम्स का निर्माण किया गया है, जिससे चिकित्सा सेवाओं की व्यापकता बढ़ी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक का विस्तार और सुधार की पहल
प्रधानमंत्री ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अबतक करोड़ों गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। इसके तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के खर्च में बड़ी राहत दी गई है, जिससे गरीब परिवारों की आर्थिक बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने जताई प्रसन्नता
इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दरभंगा एम्स की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज को एम्स में बदलने की योजना थी, लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो पाया। अब शोभन में एम्स बनने से मिथिला क्षेत्र को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना दरभंगा के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
नई पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए सुनहरा अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा कि दरभंगा एम्स से हर वर्ष बिहार के युवा डॉक्टर बनकर देश सेवा में योगदान देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अब डॉक्टर बनने के लिए अंग्रेजी भाषा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब मातृभाषा में भी हो सकेगी, जो कर्पूरी ठाकुर जी के प्रति श्रद्धांजलि है।
आंखों के अस्पताल का भी होगा निर्माण
प्रधानमंत्री ने बिहार में जल्द ही एक आंखों के अस्पताल के निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इससे अब यहां के लोगों को आंखों के इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।
दरभंगा में एम्स का निर्माण और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।