जनता में आक्रोश
जमालपुर नगर परिषद की लापरवाही से शहर की मुख्य सड़कों की मरम्मत का काम ठप पड़ा है, जिससे स्थानीय नागरिकों में गहरी नाराजगी है। बुधवार को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा निविदा प्रक्रिया को रद्द करने की जानकारी सामने आने के बाद शहरवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। बताया जा रहा है कि महंत चौराहा से 212 नंबर पुल तक की सड़क का टेंडर 21 अक्टूबर को रद्द कर दिया गया, पर इसकी सूचना न तो जनप्रतिनिधियों को दी गई, न ही जनता को।
जमालपुर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष साईं शंकर ने धर्मशाला रोड स्थित गांधी चर्चा मंदिर में प्रेस वार्ता कर इस मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि निविदा प्रक्रिया की पूरी जानकारी को छिपाना और 23 दिन बीत जाने के बाद भी री-टेंडर जारी नहीं करना नप प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। साईं शंकर ने कहा, “जून में निकाली गई निविदा की तकनीकी और वित्तीय प्रक्रिया अक्टूबर में ही पूरी हो चुकी थी। छठ पूजा के बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू होना था, लेकिन नगर परिषद की लापरवाही से यह काम अब तक अटका हुआ है।”
नगर परिषद द्वारा न केवल महंत चौराहा से 212 नंबर पुल तक की सड़क का टेंडर रद्द कर दिया गया, बल्कि जुबली वेल, सदर फाड़ी, भारत माता चौक से लेकर 6 नंबर गेट तक के निर्माण के लिए भी संवेदक के साथ एग्रीमेंट नहीं किया गया है। साईं शंकर ने मांग की कि सड़क की दुर्दशा को देखते हुए तत्काल री-टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाए और सदर बाजार की सड़क निर्माण के लिए चयनित संवेदक के साथ एग्रीमेंट कर जल्द कार्यादेश जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि नगर परिषद की सुस्त प्रक्रिया से जमालपुर की जनता को भारी परेशानी हो रही है और यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
शहर के नागरिकों का कहना है कि सड़कों की खस्ताहाली से यातायात में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं दिखता।