संविधान निर्माता को याद कर कहा- समानता और मानव गरिमा के लिए उनका संघर्ष सदैव प्रेरणादायी रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए उनके प्रयास आज भी करोड़ों लोगों को प्रेरित करते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, “महापरिनिर्वाण दिवस पर हम डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हैं। वे न केवल हमारे संविधान के निर्माता थे, बल्कि सामाजिक न्याय के एक प्रकाशस्तंभ भी थे। समानता और मानव गरिमा के लिए उनका tireless संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक तस्वीर भी साझा की, जो इस वर्ष मुंबई स्थित चैत्य भूमि की उनकी यात्रा की है। चैत्य भूमि डॉ. अंबेडकर का अंतिम संस्कार स्थल है और लाखों अनुयायियों के लिए यह प्रेरणा का केंद्र है।
डॉ. अंबेडकर, जो एक दलित परिवार से आए थे, ने भारतीय समाज में हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और भारत के संविधान को ऐसा स्वरूप दिया जो हर व्यक्ति को समान अधिकार देता है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने कहा, “आज, जब हम उनके योगदानों को याद कर रहे हैं, तो यह भी हमारा कर्तव्य है कि उनके सपनों के भारत को साकार करने के लिए काम करें।”