जेपीसी जांच की मांग तेज
नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को संसद परिसर में अडानी मामले को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच की मांग की और सरकार पर तीखे हमले किए।
संसद परिसर में नारेबाजी और मांगें
संसद के मकर द्वार के पास नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी नेताओं ने “मोदी-अडानी एक हैं” और “हमें न्याय चाहिए” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन में डीएमके, शिवसेना (उद्धव गुट), राजद और एनसीपी समेत अन्य दलों के सांसद शामिल हुए। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी।
भाजपा का आरोप और विपक्ष का जवाब
भाजपा ने इस प्रदर्शन को INDIA गठबंधन में “दरार” का संकेत बताया। इस पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है और यह आरोप केवल ध्यान भटकाने की कोशिश है।
अडानी मामले में जेपीसी की मांग
कांग्रेस का कहना है कि अमेरिकी अदालत में अडानी समूह और उनके अधिकारियों पर लगे आरोप उनके जेपीसी जांच की मांग को मजबूती प्रदान करते हैं। राहुल गांधी ने अडानी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
अडानी समूह ने आरोपों को खारिज किया
अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें “निराधार और बेबुनियाद” बताया है। समूह ने कहा कि यह राजनीतिक साजिश है और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
विरोध प्रदर्शन पर लोकसभा सचिवालय की सलाह
प्रदर्शन के दौरान संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन पर लोकसभा सचिवालय की ओर से दिए गए परामर्श का उल्लंघन करते हुए सांसदों ने संविधान सदन के पास प्रदर्शन किया।
संसद में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दल अडानी मामले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार अडानी समूह को बचाने का प्रयास कर रही है और जनता के हितों की अनदेखी कर रही है।
जेपीसी जांच पर अड़े विपक्षी दल
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि जब तक इस मामले में जेपीसी द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।