अनिरुद्ध अग्रवाल का अनोखा फिल्मी सफर
देहरादून से रामसे ब्रदर्स तक, इंजीनियरिंग के छात्र से हॉरर फिल्मों के ‘सामरी’ बनने की दास्तां

डरावनी फिल्मों के लिए अपनी अलग पहचान बनाने वाले अनिरुद्ध अग्रवाल आज 75 वर्ष के हो गए हैं। 20 दिसंबर 1949 को देहरादून में जन्मे अनिरुद्ध ने अपने जीवन में ऐसा सफर तय किया, जिसे सुनकर हर किसी को प्रेरणा मिल सकती है। छह फीट चार इंच की लंबाई और अनोखी शारीरिक बनावट ने उन्हें बॉलीवुड में पहचान दिलाई, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कई संघर्षों से गुजरना पड़ा।

इंजीनियरिंग से एक्टिंग की ओर कदम

अनिरुद्ध अग्रवाल का सपना एक इंजीनियर बनने का था। उन्होंने रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज (अब आईआईटी रुड़की) से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। कॉलेज के दिनों में नाटकों में भाग लेने का उनका शौक ही था, जिसने उनके भीतर एक्टर बनने का बीज बोया। हालांकि, घर में फिल्मी करियर का विरोध इतना अधिक था कि उन्हें अपने इस सपने को लंबे समय तक दबाए रखना पड़ा।

मुंबई का सफर और पहली नौकरी

इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद अनिरुद्ध ने मुंबई का रुख किया। शुरुआती दिनों में उन्होंने एक बिल्डर के साथ नौकरी की, लेकिन फिल्मों में काम करने की चाह ने उन्हें चैन से बैठने नहीं दिया। इस दौरान उन्हें पता चला कि उनकी शारीरिक बनावट में बदलाव हो रहा है। डॉक्टर ने बताया कि पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर के कारण उनके अंग असामान्य रूप से बढ़ रहे हैं।

रामसे ब्रदर्स ने दी पहचान

मुश्किलों से जूझते हुए अनिरुद्ध को एक व्यक्ति ने रामसे ब्रदर्स के बारे में बताया। उस समय रामसे ब्रदर्स अपनी हॉरर फिल्म पुराना मंदिर के लिए एक डरावने किरदार की तलाश कर रहे थे। अनिरुद्ध की काया और चेहरे की बनावट उनकी खोज को पूरा कर गई। उन्हें फिल्म में ‘सामरी’ का किरदार निभाने का मौका मिला, जो सुपरहिट रहा। इसके बाद अनिरुद्ध ने रामसे ब्रदर्स की कई अन्य फिल्मों जैसे वीराना और बंध दरवाजा में भी काम किया।

फिल्मों से दूरी और नया जीवन

अनिरुद्ध अग्रवाल अब फिल्मों से दूर हो चुके हैं। वह कंस्ट्रक्शन के व्यवसाय में सक्रिय हैं। उनके दो बच्चे हैं, जो अमेरिका में बस चुके हैं। अपने जीवन के इस पड़ाव पर अनिरुद्ध फिल्मों से दूर एक शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं।

अधूरी ख्वाहिश और यादगार पहचान

अनिरुद्ध का कहना है कि वह फिल्मों में मुख्यधारा के किरदार निभाने की ख्वाहिश रखते थे, लेकिन अपनी विशिष्ट बनावट के कारण उन्हें अधिकतर हॉरर भूमिकाएं ही मिलीं। बावजूद इसके, उनकी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

 

 

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