बच्चों के लिए बाल मेले का आयोजन ज़ेवियर एलुमनी एसोसिएशन और टीम उम्मीद ने रचा मिसाल

22 दिसंबर 2024, पटना। सेंट ज़ेवियर कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, दिघा में ज़ेवियर एलुमनी एसोसिएशन और टीम उम्मीद द्वारा आयोजित बाल मेले ने स्लम क्षेत्र के बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और दिलों में नई उम्मीदें भर दीं। इस मेले में बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ उनकी प्रतिभा को निखारने का विशेष अवसर प्रदान किया गया।

बच्चों की कला का अद्भुत प्रदर्शन

दिघा स्लम और अन्य एनजीओ जैसे एचएचएफसी, भूरी फाउंडेशन, ज्योति पुंज फाउंडेशन और दिशा ड्रग रिहैबिलिटेशन सेंटर से आए बच्चों ने गायन, नृत्य और खेलकूद में अपनी उत्कृष्टता दिखाते हुए सबका दिल जीत लिया।

मुख्य अतिथि डॉ. अभिषेक सिंह, जो कि एक समाजसेवी और ज्योति पुंज फाउंडेशन हॉस्पिटल के संस्थापक हैं, ने बच्चों की मेहनत और आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा, “यह आयोजन बच्चों के लिए एक नई प्रेरणा है और उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर प्रदान करता है।”

विशिष्ट अतिथि ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा

कार्यक्रम में आईजीआईएमएस के सामाजिक सेवा अधिकारी शुभम श्री ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बच्चों को प्रोत्साहित किया। वहीं, दिन के विशिष्ट अतिथि के रूप में सेंट ज़ेवियर कॉलेज के प्रिंसिपल फादर मार्टिन ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मेले समाज में समानता और समर्पण की भावना को मजबूत करता है।

छात्रों को मिला समाज सेवा का सम्मान

टीम उम्मीद के साथ 30 घंटे की समाजसेवा पूरी करने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा, विशेष रूप से सक्रिय छह छात्रों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

 

आगामी कार्यक्रमों की घोषणा

ज़ेवियर एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन ने घोषणा की कि आने वाले ठंड के मौसम में ज्योति पुंज फाउंडेशन के सहयोग से कंबल वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के जरूरतमंद लोगों की सेवा ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

आभार व्यक्त और यादगार पल

कार्यक्रम के दौरान, फोटोग्राफी टीम के सदस्यों शिवांशु सिंह सत्य, निहाल दत्ता, और सहर्ष शुभम ने बाल मेले के यादगार पलों को कैमरे में कैद किया। वहीं, आयोजन टीम के सदस्य जय राठौर ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह कार्यक्रम हमारे लिए प्रेरणा है, और बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

सामाजिक समरसता का उत्सव

बाल मेले ने न केवल बच्चों को एक नया मंच दिया, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट कर समर्पण और करुणा का संदेश भी दिया। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि जब समाज एकजुट होता है, तो हर चेहरा मुस्कुराता है और हर दिल नई उम्मीद से भर जाता है।

Nihal Dev Dutta

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