जमालपुर
जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र के विकास कार्यों में सुस्ती और कागजी योजनाओं के अमल में कमी को लेकर जनता और पार्षदों में नाराजगी बढ़ रही है। वर्ष 2024 में नगर परिषद बोर्ड की मात्र चार बैठकें हुईं, जबकि प्रत्येक माह बैठक बुलाने का नियम है।
चार बैठकों में दर्जनों प्रस्ताव, अमल में न के बराबर
नगर परिषद की बैठकें क्रमशः 27 जनवरी, 4 मार्च, 4 जुलाई, और 18 सितंबर को आयोजित की गईं। इन बैठकों में वाटर पार्क, सम्राट अशोक भवन, ओपन जिम, रीक्रिएशन सेंटर, सदर बाजार में डीलक्स शौचालय, और शहरी गरीबों के लिए बहुमंजिला आवास जैसे दर्जनों महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। हालांकि, इन योजनाओं में से अधिकांश अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं।
वार्ड पार्षदों की शिकायतें अनसुनी
13 जुलाई 2024 को वार्ड पार्षदों ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विजयशील गौतम को पत्र लिखकर नियमित बैठकें बुलाने और लिए गए निर्णयों को अमल में लाने की मांग की थी। इसके बावजूद सितंबर के बाद किसी भी बैठक का आयोजन नहीं किया गया।
तानाशाही रवैये से जनता परेशान
नगर परिषद के अधिकारियों के कामकाज के तरीके को लेकर जनता और पार्षदों में रोष है। कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट, शौचालय, और पानी की समस्याएं अब भी जस की तस बनी हुई हैं। वहीं, जिन योजनाओं पर सहमति बनी थी, वे कागजों तक सीमित होकर रह गई हैं।
जनता और पार्षदों की मांग
पार्षदों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर परिषद को अपनी जिम्मेदारियां समझनी चाहिए और प्रत्येक माह बैठक बुलाकर जनता की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करना चाहिए। अगर हालात में सुधार नहीं होता, तो वे आंदोलन के रास्ते पर जाने को मजबूर होंगे।