प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे
पटना।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। परीक्षा रद्द करने और पुनः परीक्षा की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शनरत अभ्यर्थियों को समर्थन देने के लिए जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर ने गुरुवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया।
प्रशांत किशोर गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के नीचे अनशन पर बैठ गए हैं। इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि यदि 2 जनवरी की शाम तक अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे खुद इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा, “यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार परीक्षा रद्द करने और पुनः परीक्षा की मांग स्वीकार नहीं करती।”
बिहार बंद का ऐलान
अभ्यर्थियों के समर्थन में अब राजनीतिक और छात्र संगठनों ने भी आवाज बुलंद कर दी है। ‘छात्र युवा शक्ति’ के बैनर तले शुक्रवार को बिहार बंद का आह्वान किया गया है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए बंद के दौरान नेशनल और स्टेट हाईवे के साथ-साथ ट्रेनों को भी रोकने की बात कही है। पप्पू यादव ने सोशल मीडिया के जरिए इस बंद की जानकारी साझा की और सरकार पर अभ्यर्थियों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को आयोजित BPSC 70वीं पीटी परीक्षा के तुरंत बाद पेपर लीक का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू किया था। उनका दावा है कि पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर दिन में ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद आयोग और प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक परीक्षा रद्द कर नई परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस विवाद ने राज्य में प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।