माघ मेला 2025 में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसागर
प्रयागराज। त्रिवेणी संगम पर आयोजित महाकुंभ के दौरान बुधवार को भोर से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हाड़ कंपाने वाली ठंड और कोहरे के बावजूद भक्तों ने पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया। पूरे संगम क्षेत्र में ‘हर हर महादेव’, ‘जय गंगा मैया’ और ‘जय श्रीराम’ के जयकारों से वातावरण गूंजायमान हो गया।
पहली बार संगम स्नान का अनुभव:
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से आए निबार चौधरी ने पहली बार संगम में स्नान करने का अनुभव साझा करते हुए कहा, “यह मेरे जीवन का पहला संगम स्नान था। स्नान के बाद जो शांति और ताजगी महसूस हुई, वह अद्भुत है।” उनके साथ दो अन्य लोग भी संगम स्नान करने पहुंचे थे।
प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना:
लखनऊ निवासी नैंसी ने मेले की व्यवस्था को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “महाकुंभ का अनुभव अब तक बहुत अच्छा रहा है। प्रशासन ने व्यवस्था बेहतर ढंग से संभाली है।” इसी तरह कानपुर के विजय कठेरिया ने सुरक्षा प्रबंधों की सराहना की और कहा, “प्रशासन ने पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की है, जिससे भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है।”
नागा साधुओं का प्रदर्शन बना आकर्षण:
मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को अखाड़ों के संतों ने पहला ‘अमृत स्नान’ किया। करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने इस दिन संगम में स्नान किया। नागा साधुओं द्वारा पारंपरिक शस्त्र प्रदर्शन और धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहे।
विशेष ज्योतिषीय संयोग:
महाकुंभ का यह आयोजन 12 वर्षों के बाद हो रहा है। हालांकि, संत समाज का कहना है कि इस बार का कुंभ 144 वर्षों बाद बन रहे दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग के कारण और भी विशेष और शुभ है।
26 फरवरी तक चलेगा आयोजन:
महाकुंभ का यह पवित्र आयोजन 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर अपने जीवन को पवित्र करने की कामना करेंगे।