मणिपुर संकट: मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा

गवर्नर को सौंपा त्यागपत्र, कांग्रेस की अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के बीच फैसला

इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को राजभवन में अपना त्यागपत्र सौंपा। इस्तीफे के दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा, उत्तर-पूर्व मणिपुर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा समेत 19 विधायक मौजूद थे।

मुख्यमंत्री सिंह ने अपने इस्तीफे में कहा, “मणिपुर की जनता की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कई विकास योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया, जिसके लिए मैं आभारी हूं।”

अविश्वास प्रस्ताव की चर्चाओं के बीच इस्तीफा

राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है और इसके लिए फ्लोर टेस्ट की संभावना भी जताई जा रही थी। ऐसे में सीएम के इस्तीफे को महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।

सीमा सुरक्षा और घुसपैठ पर केंद्र से की अपील

अपने त्यागपत्र में बीरेन सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की कि राज्य में सीमा पार घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और अवैध प्रवासियों को निष्कासित करने के लिए ठोस नीति बनाई जाए। उन्होंने ड्रग्स और नार्को-टेररिज्म के खिलाफ सख्त अभियान जारी रखने का भी अनुरोध किया।

इसके अलावा, उन्होंने फ्री मूवमेंट रेजीम (FMR) के सख्त और प्रभावी क्रियान्वयन की भी मांग की, ताकि बॉर्डर पर बायोमेट्रिक निगरानी के साथ सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सके।

दिल्ली से लौटने के बाद लिया अहम फैसला

शनिवार को बीरेन सिंह ने भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठक की थी। इस बैठक के बाद उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद अब मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है और नया नेतृत्व कौन संभालेगा, इस पर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

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