दिल्ली चुनाव में हार के बाद पंजाब के AAP विधायकों संग केजरीवाल की बैठक
कपूरथला हाउस में हुई अहम चर्चा, 2027 पंजाब चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर जोर
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के 91 विधायकों के साथ बैठक की। यह बैठक ऐसे समय हुई जब पार्टी के पंजाब संगठन में मतभेद की अटकलें तेज हो गई हैं।
सोमवार को दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में हुई इस समीक्षा बैठक में दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। पंजाब के वे सांसद भी बैठक में शामिल हुए, जिन्होंने दिल्ली चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई थी।
पंजाब संगठन को धन्यवाद, आगे की रणनीति पर चर्चा
बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पंजाब इकाई का दिल्ली चुनाव में सहयोग देने के लिए आभार जताया।
गौरतलब है कि दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद अब आम आदमी पार्टी के सामने 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव की बड़ी चुनौती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को करारा झटका लगा, जहां 2013 से लगातार सत्ता में रहने के बावजूद पार्टी महज 22 सीटें जीत सकी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी कर ली।
AAP ने स्वीकार किया जनादेश, आगे की लड़ाई जारी
बैठक के दौरान AAP सांसद मलविंदर कंग ने मीडिया को बताया कि बैठक का मकसद चुनावी प्रदर्शन की समीक्षा और आगे की रणनीति तैयार करना था। उन्होंने कहा, “यह एक संगठनात्मक बैठक थी, जिसमें भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई। पार्टी जनता के फैसले को स्वीकार करती है और हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
उन्होंने कहा कि पार्टी ने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए पूरी कोशिश की और आगे भी आम आदमी की राजनीति को मजबूत बनाए रखेगी।
भगवंत मान के BJP में जाने की अटकलें?
दिल्ली चुनाव परिणाम आने से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं।
बाजवा ने आरोप लगाया कि मान केंद्रीय गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं और AAP के लगभग 30 विधायक भी उनसे बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तर्ज पर पंजाब में भी बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है।
उन्होंने यह भी संभावना जताई कि अरविंद केजरीवाल लुधियाना उपचुनाव लड़ सकते हैं और पंजाब सरकार में शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP ने 117 में से 92 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 18 सीटें मिली थीं। ऐसे में दिल्ली में हार के बाद पार्टी की नजरें अब पंजाब की सियासत पर टिक गई हैं।