दिल्ली की ‘लेडी डॉन’ ज़ोया खान गिरफ्तार, 1 करोड़ की हेरोइन बरामद

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में लंबे समय से पुलिस की पकड़ से दूर चल रही कुख्यात अपराधी ज़ोया खान को आखिरकार स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया। उसे वेलकम इलाके से हिरासत में लिया गया, जहां से 270 ग्राम हेरोइन भी बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1 करोड़ रुपये आंकी गई है।

ज़ोया खान, जिसे दिल्ली की ‘लेडी डॉन’ कहा जाता है, कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा की तीसरी पत्नी है। वह अपने पति के जेल में रहने के दौरान उसके अपराध साम्राज्य को संभाल रही थी। पुलिस की नजरों में होने के बावजूद वह अब तक कानूनी शिकंजे से बचती रही थी, लेकिन इस बार पुलिस ने सटीक सूचना के आधार पर उसे रंगे हाथों दबोच लिया।

अपराध की दुनिया में ज़ोया का बढ़ता वर्चस्व

ज़ोया की पहचान पहले एक साधारण महिला के रूप में थी, लेकिन हाशिम बाबा से शादी के बाद उसने अपराध जगत में कदम रखा। पहले उसका नाम किसी बड़ी वारदात में नहीं आया था, लेकिन जैसे ही हाशिम बाबा जेल गया, उसने पूरे गैंग की जिम्मेदारी संभाल ली।

उसने न केवल दिल्ली में नशे के कारोबार को बढ़ाया, बल्कि संगठित अपराध के तहत फिरौती और रंगदारी जैसे मामलों में भी अपनी भूमिका निभाई। सूत्रों के अनुसार, ज़ोया ने हाशिम बाबा से मुलाकातों के दौरान उसके निर्देशों पर काम करना सीखा और अत्याधुनिक तरीकों से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगी।

रईसी की चकाचौंध में छिपी अंडरवर्ल्ड की हकीकत

आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद ज़ोया की लाइफस्टाइल किसी हाई-प्रोफाइल हस्ती से कम नहीं थी। महंगे ब्रांड्स, आलीशान पार्टियों और ऊंचे रसूख के साथ वह खुद को वैध कारोबारी दिखाने में कामयाब रही। लेकिन असल में वह हेरोइन और अवैध धन के खेल में शामिल थी।

पुलिस की जांच में सामने आया कि वह तिहाड़ जेल में बंद हाशिम बाबा से गुप्त कोड और एन्क्रिप्टेड मैसेज के जरिए निर्देश लेती थी। उसके पास अपराध जगत के कई शातिर लोगों से संपर्क थे, जिनसे वह सीधे संवाद में रहती थी।

हाई-प्रोफाइल मर्डर से भी जुड़े तार

पुलिस को ज़ोया के खिलाफ कई गंभीर सबूत मिले हैं, जिनमें ग्रेटर कैलाश के नामी जिम मालिक नदीर शाह की हत्या का मामला भी शामिल है। बताया जाता है कि हत्या के बाद ज़ोया ने अपराधियों को शरण दी थी। इस सिलसिले में पुलिस ने उससे लंबी पूछताछ भी की है।

इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सक्रिय हाशिम बाबा, चेन्नू गैंग और नासिर पहलवान गैंग के बीच आपसी रंजिश और सत्ता की लड़ाई में भी उसका बड़ा योगदान रहा है। पुलिस का कहना है कि ज़ोया के गिरोह ने रंगदारी और नशे के कारोबार से करोड़ों रुपये की कमाई की है।

अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया से भी संबंध?

पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि ज़ोया के तार सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं थे, बल्कि वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से ड्रग्स की सप्लाई लेकर पूरी दिल्ली में इसे फैलाती थी। जांच एजेंसियां अब उसके आर्थिक लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की भी गहराई से जांच कर रही हैं।

पुलिस के लिए बड़ी सफलता, लेकिन आगे की राह कठिन

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक, ज़ोया की गिरफ्तारी संगठित अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। हालांकि, हाशिम बाबा और उसके साथियों के मजबूत नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।

पुलिस अब ज़ोया के संपर्कों, उसकी गैंग की गतिविधियों और उसके द्वारा किए गए अवैध लेन-देन की पड़ताल कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह की जड़ें गहरी हैं और इसे उखाड़ फेंकने के लिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *