सुप्रीम कोर्ट ने रोकी हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास 400 एकड़ हरित क्षेत्र की कटाई

सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के पास कांचा गचीबोवली क्षेत्र में 400 एकड़ जंगल की कटाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायिक रजिस्ट्रार को मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

पर्यावरण संरक्षण पर कड़ा रुख
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ए जी मसीह की पीठ ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जंगल की कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है। अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को आदेश दिया कि वे तुरंत स्थल निरीक्षण कर सुप्रीम कोर्ट में दोपहर 3:30 बजे तक रिपोर्ट पेश करें। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3:45 बजे निर्धारित की।

लंबे वीकेंड में तेजी से कटाई का आरोप
अदालत ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे हैं और आशंका है कि लंबे वीकेंड का फायदा उठाकर यह कार्य तेजी से किया गया। रिपोर्टों में यह भी सामने आया कि इस जंगल में आठ प्रकार के संरक्षित जीव निवास करते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा हो सकता है।

हाईकोर्ट भी कर चुका है रोक लगाने का आदेश
तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह मामला पहले से ही हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसकी रोक उच्च न्यायालय की कार्यवाही में दखल देने के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए है।

इससे पहले बुधवार को तेलंगाना हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को 400 एकड़ हरित क्षेत्र की कटाई पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया था।

छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी कर भूमि नीलामी को प्राथमिकता दे रही है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से जंगल की कटाई के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि विकास कार्यों को पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।

 

रिपोर्ट -शिवांशु सिंह सत्या

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