संसद के बजट सत्र का समापन : 16 महत्त्वपूर्ण विधेयक पारित,
उत्पादकता 118 प्रतिशत के पार
लोकसभा-राज्यसभा में वित्तीय और विधायी कार्यों का सफल निष्पादन
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस सत्र में लोकसभा और राज्यसभा ने कुल 16 महत्त्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया, जिनमें आपदा प्रबंधन, वक्फ संपत्ति, आव्रजन और बैंकिंग कानून से जुड़े विधेयक प्रमुख हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, इस बार लोकसभा की उत्पादकता 118 प्रतिशत और राज्यसभा की 119 प्रतिशत रही, जिसे अत्यंत सफल सत्र माना जा रहा है।
31 जनवरी से प्रारंभ हुए बजट सत्र को दो भागों में आयोजित किया गया था, जिसके मध्य में विभागीय स्थायी समितियों द्वारा अनुदान मांगों की समीक्षा हेतु अवकाश रखा गया। सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई, जिस पर धन्यवाद प्रस्ताव दोनों सदनों में प्रस्तुत किया गया।
वित्तीय कार्यों पर व्यापक चर्चा
वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट 1 फरवरी को संसद में प्रस्तुत किया गया, जिस पर लोकसभा में 16 घंटे से अधिक और राज्यसभा में लगभग 18 घंटे चर्चा हुई। इस दौरान 169 लोकसभा सदस्य एवं 89 राज्यसभा सदस्य शामिल हुए। बजट पर चर्चा के साथ-साथ लोकसभा ने रेल, जल शक्ति, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर विचार कर संबंधित विनियोग विधेयक को 21 मार्च को पारित किया। इसके अतिरिक्त अनुपूरक अनुदानों एवं वित्त विधेयक, 2025 को भी दोनों सदनों ने पारित किया।
प्रमुख विधेयकों को मिली मंजूरी
इस सत्र में जो विधेयक पारित हुए उनमें वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो वक्फ संपत्तियों के आधुनिक प्रबंधन एवं प्रशासन को मजबूती देने के उद्देश्य से लाया गया। इसके तहत पुराने मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को भी निरस्त कर दिया गया।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2025 में राष्ट्रीय एवं राज्यीय आपदा डेटाबेस की स्थापना, नगरीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की व्यवस्था की गई है। वहीं आव्रजन एवं विदेशी नागरिक विधेयक, 2025 पासपोर्ट, वीजा और विदेशी नागरिकों से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर केंद्रित है।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 के तहत सहकारिता क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु एक नए विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ऑडिट मानकों और जमाकर्ता संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है, साथ ही नामांकन जैसी प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
सत्र में कुल 26 बैठकें, सभी विधायी कार्य पूरे
सत्र के दोनों भागों में कुल 26 बैठकें हुईं—पहले चरण में 9 और दूसरे चरण में 17। इस दौरान लोकसभा में 10 एवं राज्यसभा में 1 विधेयक पेश किए गए, जबकि 16 विधेयक लोकसभा से तथा 14 विधेयक राज्यसभा से पारित या लौटाए गए। अंततः कुल 16 विधेयकों को संसद की मंजूरी मिली।
3 और 4 अप्रैल को दोनों सदनों ने मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतु अनुच्छेद 356(1) के अंतर्गत राष्ट्रपति की उद्घोषणा को मंजूरी दी।
सत्र के समापन पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस वार्ता में कहा, “31 मार्च से पूर्व सभी महत्त्वपूर्ण वित्तीय कार्य पूरे कर लिए गए। यह सत्र विधायी कार्यों की दृष्टि से अत्यंत सफल रहा।” उनके साथ राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं एल मुरुगन भी उपस्थित थे।