पाकिस्तान प्रायोजित आतंक पर सख्त रुख: विपक्ष ने सरकार को दी ‘हर कार्रवाई’ में पूर्ण समर्थन

नई दिल्ली, 
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उपजे हालात को लेकर गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में देश की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने एकजुटता दिखाई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा दिए गए विस्तृत ब्रीफिंग के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “सरकार जो भी कदम उठाएगी, विपक्ष उसका पूरा समर्थन करेगा। आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है।”

बैठक में खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमले की पूरी जानकारी नेताओं को दी। बताया गया कि किस तरह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले बाइसारन के खुले मैदानों में पर्यटकों को निशाना बनाया। इस भयावह हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक नेपाल का नागरिक भी शामिल है, जबकि अन्य 14 भारतीय राज्यों से थे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के बाद कहा, “जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली हमारी प्राथमिकता है। आतंकवाद के खिलाफ सभी दल एक स्वर में खड़े हैं।” राहुल गांधी शुक्रवार को अनंतनाग स्थित जिला अस्पताल का दौरा करेंगे, जहां घायलों का इलाज जारी है।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा, “यह समय एकजुट होने का है। हम प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की मांग कर रहे हैं ताकि राष्ट्रीय स्तर पर ठोस रणनीति बन सके।”

सूत्रों के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी बताया कि खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा चूक की जानकारी साझा की है और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।

सरकार ने हमले के बाद कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित, अटारी बॉर्डर को बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों के मेडिकल वीज़ा सहित सभी वीज़ा रद्द करने का फैसला लिया है। साथ ही सूत्रों का मानना है कि सरकार सर्जिकल या एयर स्ट्राइक जैसे सैन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार कर रही है।

 

 

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