पूर्व रेलवे ने दर्ज की आर्थिक मजबूती की नई इबारत, पूंजीगत व्यय और आय में जबरदस्त उछाल
— वित्त वर्ष 2024-25 में ऐतिहासिक प्रदर्शन, ऑपरेटिंग रेशियो में दशक की सबसे बड़ी गिरावट
कोलकाता, 25 अप्रैल।
पूर्व रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में शानदार आर्थिक प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय इजाफा किया है, बल्कि कुल आय में भी बेहतरीन बढ़त दर्ज की है। रेलवे के इस आर्थिक विस्तार को आधार मिल रहा है मजबूत प्रशासनिक रणनीति, कुशल प्रबंधन और यात्री सुविधाओं में निरंतर सुधार से।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में पूर्व रेलवे का पूंजीगत व्यय ₹4,452 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के ₹3,725 करोड़ की तुलना में करीब 20% अधिक है। इस बढ़ोत्तरी को रेलवे के बुनियादी ढांचे के विस्तार और नए प्रोजेक्ट्स के सफल क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
केवल पूंजी निवेश ही नहीं, बल्कि रेलवे की कुल आरंभिक आय ₹14,273 करोड़ तक पहुँच गई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की ₹12,207 करोड़ की तुलना में 17% की बढ़ोतरी को दर्शाती है। माल परिवहन और यात्री सेवाओं में बेहतर रणनीति, तकनीकी नवाचार और समयबद्ध संचालन इस वृद्धि के प्रमुख आधार रहे हैं।
इस बार विविध आय में भी रिकॉर्ड 34% की बढ़त दर्ज की गई। वर्ष 2023-24 में जहाँ यह आय ₹470 करोड़ थी, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर ₹629 करोड़ हो गई। यह सफलता रेलवे द्वारा गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के बेहतर दोहन और नये आय स्रोतों के सृजन की दिशा में किए गए प्रयासों का परिणाम है।
सबसे खास उपलब्धि रही पूर्व रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो, जो पिछले दस वर्षों में सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। यह रेलवे की लागत-प्रभावशीलता और आर्थिक अनुशासन की दिशा में किए गए प्रयासों की सशक्त तस्वीर पेश करता है।
पूर्व रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी वर्षों में सेवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही यात्री व माल ढुलाई दोनों क्षेत्रों में अनुभव को और भी सुविधाजनक और आधुनिक बनाने की दिशा में काम जारी रहेगा।
पूर्व रेलवे का यह प्रदर्शन न केवल आर्थिक दृष्टि से सशक्त भारत की ओर संकेत करता है, बल्कि यह देश के रेल नेटवर्क के भविष्य के लिए भी एक प्रेरक मॉडल बनकर उभर रहा है।