बिहार में कानून व्यवस्था चरमराई, सीएम आवास के पास चली गोलियां; तेजस्वी बोले– ‘अब नीतीश से नहीं संभल रहा बिहार’
टीडब्ल्यूएम न्यूज़ डेस्क | पटना | 11 जून 2025

राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। पटना लौटते ही तेजस्वी ने कहा कि अब अपराधी खुलेआम गोलियां चला रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा है। उनका दावा है कि मुख्यमंत्री आवास के पास तक गोलीबारी हो रही है, लेकिन सरकार के पास बोलने को एक शब्द नहीं है।

‘सीएम हाउस के साए में भी सुरक्षित नहीं आम लोग’

कोलकाता से लौटने के बाद पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा,
“विश्वेश्वरैया भवन, जो सीएम आवास से महज एक किलोमीटर दूर है, वहां बेधड़क फायरिंग हो रही है। कल्पना कीजिए कि राजधानी में जहां शासन का सबसे मजबूत पहरा होना चाहिए, वहीं लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि बिहार में अब सरकार नाम की कोई चीज़ बची नहीं है।”

‘पुलिस वसूली में लगी है, जनता की नहीं सुन रही’

तेजस्वी ने बिहार पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस का खौफ अपराधियों में खत्म हो गया है।
“आज पुलिस थानों में गरीबों को पीट रही है, जनता से वसूली कर रही है, लेकिन अपराधियों को छूने में डरती है। नीतीश सरकार की यह चुप्पी और निष्क्रियता बिहार को अपराधियों के हवाले कर चुकी है।”

‘बदलाव की जरूरत, बिहार को चाहिए जवाबदेह सरकार’

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के बीते 20 साल और केंद्र की मोदी सरकार के 11 वर्षों के शासन पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा,
“इतने वर्षों के बाद भी बिहार बेरोजगारी, पलायन और पिछड़ी शिक्षा व्यवस्था से बाहर नहीं निकल पाया। न पढ़ाई सुधरी, न दवाई मिली, न सिंचाई की सुविधा है, और न सुनवाई होती है। कार्रवाई की तो बात ही छोड़ दीजिए। बिहार अब बदलाव चाहता है। यहां एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो सचमुच में पढ़ाई, दवाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई दे सके।”

‘अखबार के पन्ने रोज खून से लाल’

तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में कहा कि अब बिहार के अखबारों के पन्ने रोज़ हत्या, लूट और बलात्कार की खबरों से रंगे होते हैं।
“लॉ एंड ऑर्डर अब ‘क्रिमिनल डिसऑर्डर’ बन चुका है। अगर राजधानी में ये हाल है, तो जिलों और कस्बों का अंदाजा लगाइए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी, उनकी थकान का प्रमाण है। अब उनसे बिहार नहीं संभल रहा।”

बिहार की राजनीतिक ज़मीन पर तेजस्वी का यह हमला आगामी चुनावों की बिसात को गर्माने लगा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या जनता आने वाले वक्त में बदलाव की इस आवाज़ को समर्थन देती है।

 

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