अब सिर्फ जवाब नहीं, पाकिस्तान को चाहिए करारा सबक: Pahalgam आतंकी हमले के बाद भारत को लेना होगा कठोर निर्णय

Patna –

Pahalgam में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। आतंकवाद के इस ताजा ज़ख्म के बाद अब सवाल सिर्फ जवाब देने का नहीं है, बल्कि उस दुश्मन को करारा सबक सिखाने का है जो बार-बार भारत की सहनशीलता की परीक्षा लेता आया है। पाकिस्तान, जो आज एक असफल राष्ट्र बन चुका है, उसे अब केवल कड़ी चेतावनी नहीं, बल्कि निर्णायक और घातक कार्रवाई की आवश्यकता है।

भारत की भूमिका और मजबूती
भारत आज वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति बन चुका है। विश्व भर की कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं और इसे वैश्विक निर्माण केंद्र के रूप में देख रही हैं। ऐसे समय में पाकिस्तान जैसे देश के साथ किसी भी लम्बे संघर्ष में उलझना, भारत के वैश्विक हितों को नुकसान पहुँचा सकता है। लेकिन इस सच्चाई का मतलब यह नहीं कि भारत बार-बार सहता रहे।

एक ही वार में पाकिस्तान को चोट पहुंचाना ज़रूरी
पाकिस्तान की नापाक नीतियाँ ‘हज़ार घाव’ देने की मानसिकता पर टिकी रही हैं। ऐसे में अब भारत को भी एक ऐसा करारा जवाब देना चाहिए, जो लंबे समय तक उसे याद रहे। सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक नहीं, बल्कि बहुआयामी और निर्णायक कार्रवाई समय की मांग बन चुकी है। POK पर संसद का सर्वसम्मत प्रस्ताव पहले से मौजूद है, शायद अब उस दिशा में भी ठोस क़दम उठाने का समय आ गया है।

पाकिस्तान की स्थिति: अंदर से खोखला और बाहर से मुखौटा
आज पाकिस्तान न सिर्फ आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुका है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अस्थिर है। वहाँ की सरकार सेना के इशारों पर चलती है। यह भी संभव है कि Pahalgam हमले की योजना में खुद पाकिस्तान की सेना की भूमिका हो, जैसा कि कारगिल युद्ध के दौरान भी देखा गया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को सेना की साज़िश की भनक तक नहीं थी।

भारत की ओर से प्रारंभिक जवाब
भारत सरकार ने आतंक पर अपनी पहली बड़ी चोट करते हुए Indus जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर का एकीकृत चेक पोस्ट बंद कर दिया गया है और पाकिस्तानी उच्चायोग से रक्षा सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यह संबंध सामान्य नहीं रहेंगे।

पाकिस्तान की बौखलाहट और खोखली धमकियाँ
पाकिस्तान की ओर से आई प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि भारत की कार्रवाई से वह बुरी तरह डर चुका है। पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि जल संधि में छेड़छाड़ को ‘युद्ध की कार्यवाही’ माना जाएगा। यह बयान पाकिस्तान की हताशा और हड़बड़ाहट को दर्शाता है।

भारत को अकेले ही लेनी होगी यह लड़ाई
भारत को इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता नहीं है। अमेरिका और फ्रांस जैसे देश औपचारिक बयान ज़रूर देंगे, पर असल लड़ाई भारत को ही लड़नी होगी। वहीं पाकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कोई समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं, सिवाय तुर्की जैसे गिने-चुने देशों के।

TWM News परिवार की ओर से संदेश
TWM News परिवार इस क्रूर हमले की कड़ी निंदा करता है और भारत सरकार से आग्रह करता है कि वह अब संयम नहीं, कठोर और निर्णायक नीति अपनाए। पाकिस्तान को सबक सिखाना अब आवश्यक है। भारत ने वर्षों तक सहन किया है, अब समय आ गया है कि भारत एक नया इतिहास रचे – ऐसा इतिहास, जिसमें आतंक की जड़ें हमेशा के लिए समाप्त हों।

अब इंतजार नहीं, एक्शन चाहिए।

 

रिपोर्ट : शिवांशु सिंह सत्या

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