मशहूर अंग्रेजी उपन्यासकार आगाथा क्रिस्टी की जानी-मानी ‘व्होडनिट’ शैली में रची गई कहानियों पर आधारित फिल्में दर्शकों के दिलों में खास जगह रखती हैं। उनके जासूस हरक्यूल पोयरोट पर आधारित फिल्म श्रृंखला की आखिरी कड़ी ‘एपॉइंटमेंट विद डेथ’ को लेकर मिले-जुले विचार सामने आए हैं। वर्ष 1988 में आई इस फिल्म का निर्देशन माइकल विनर ने किया और मुख्य भूमिका में अनुभवी अभिनेता पीटर उस्तीनोव ने पोयरोट का किरदार निभाया।
हालांकि आलोचकों का मानना है कि यह फिल्म श्रृंखला की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई, लेकिन कई दर्शकों ने इसकी कहानी, दृश्यों और अद्वितीय अभिनय का आनंद लिया। कहानी में धनवान विधवा एमिली बॉयटन की हत्या का रहस्य है, जो अपनी खुद की संतान के हक पर अतिक्रमण करते हुए अपने पति की संपत्ति को पूरी तरह से हथियाने में कामयाब होती है। एमिली के आसपास हर शख्स को उससे कोई न कोई शिकायत है, जिससे हर कोई संदेह के घेरे में आता है।
फिल्म का सेटिंग 1937 के यूरोप, भूमध्यसागरीय सागर और ब्रिटिश शासन वाले पवित्र भूमियों में यात्रा का अनुभव कराता है। हत्या की यह घटना यहूदी मरुस्थल की तपती धूप के नीचे डेड सी के किनारे होती है, जहाँ पोयरोट सभी संदिग्धों को अंतिम दृश्य में एकत्र कर कातिल का पर्दाफाश करते हैं। क्रिस्टी की रहस्यमय शैली में गहराई जोड़ने की कोशिश में फिल्म निर्माताओं ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और खूबसूरत लोकेशनों का विशेष ध्यान रखा।
योरम ग्लोबस और मेनाहेम गोलन द्वारा निर्मित इस फिल्म में लोकेशन के लिए जेरूसलम, जाफा और डेड सी के किनारों पर शूटिंग की गई, जबकि उपन्यास में वर्णित प्राचीन पेट्रा को कुंभन के रूप में दर्शाया गया है। फिल्म के इस बदलाव को इतिहास प्रेमी जरूर पहचान सकते हैं, लेकिन अन्य दर्शकों के लिए यह सत्यता का अहसास कराता है।
फिल्म में पीटर उस्तीनोव की आखिरी बार पोयरोट की भूमिका ने जहां दर्शकों का दिल जीता, वहीं लॉरेन बैकाल और पाइपर लॉरी ने अपने अद्वितीय अभिनय से चार चांद लगाए। कैरी फिशर और जॉन गिलगड ने भी अपनी छोटी भूमिकाओं में गहरी छाप छोड़ी।