निर्देशक राहुल ढोलकिया की बहुप्रतीक्षित फिल्म अग्नि भारतीय समाज की व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार करती है। यह फिल्म न केवल दमकल कर्मियों की वीरता और संघर्ष की कहानी कहती है, बल्कि व्यवस्था की खामियों को भी उजागर करती है।
अग्नि की कहानी दमदार है और दर्शकों को शुरू से अंत तक बांधे रखने में सफल रहती है। इसमें प्रतीक गांधी, दिव्येंदु शर्मा, सैयामी खेर, सई ताम्हणकर और जितेंद्र जोशी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपने अभिनय से जान डाल दी है। फिल्म में प्रतीक गांधी का किरदार दमकल कर्मी की जिंदगी के संघर्षों और उसके जज्बे को बखूबी दर्शाता है। वहीं, दिव्येंदु शर्मा अपने भूमिका में बेहद प्रभावशाली और खतरनाक नजर आते हैं।
फिल्म की खासियत इसका सधा हुआ निर्देशन और हर किरदार की कहानी को गहराई से पिरोने वाली पटकथा है। राहुल ढोलकिया ने इस फिल्म के जरिए न केवल एक मनोरंजक कहानी प्रस्तुत की है, बल्कि एक ऐसा संदेश दिया है जो लंबे समय तक दर्शकों के मन में गूंजता रहेगा।
फिल्म का फिल्मांकन और संपादन भी प्रशंसा के योग्य है। हर दृश्य में दमकल कर्मियों की कठिनाई, उनके साहस और सामाजिक भ्रष्टाचार की सच्चाई बखूबी झलकती है।
अग्नि न केवल सिनेमा के प्रति गंभीर दर्शकों के लिए एक अनमोल तोहफा है, बल्कि यह फिल्म यह सवाल भी उठाती है कि क्या हम अपने हीरो—दमकल कर्मियों—के संघर्ष को समझने और उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं?