आनन्द मार्ग धर्म महासम्मेलन : बाबा नाम केवलम् कीर्तन से गूंजेगा जमालपुर

विश्वभर से हजारों साधक पहुंचेंगे बाबा नगर, श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख देंगे प्रवचन

बाबा नगर, जमालपुर | 5 मार्च 2025

आनन्द मार्ग प्रचारक संघ द्वारा आगामी 7, 8 एवं 9 मार्च 2025 को आनन्द सम्भूति मास्टर यूनिट, अमझर कोलकाली में भव्य विश्वस्तरीय धर्म महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में देश-विदेश से हजारों आनन्द मार्गी भाग लेंगे और आध्यात्मिक चेतना का अनुभव करेंगे। इस महासम्मेलन का शुभारंभ 6 मार्च को अपराह्न 4 बजे से 72 घंटे के अखंड “बाबा नाम केवलम्” कीर्तन के साथ होगा, जिसमें अष्टाक्षरी महामंत्र का निरंतर जाप किया जाएगा।

आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के केन्द्रीय जनसम्पर्क सचिव आचार्य कल्याणमित्रानन्द अवधूत एवं दिल्ली सेक्टर के जनसम्पर्क सचिव आचार्य अवनिंद्रानंद अवधूत ने बताया कि यह महासम्मेलन आध्यात्मिक उत्थान, सामाजिक समरसता और संस्था के विस्तार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत इस दौरान प्रतिदिन दोपहर और रात्रि में प्रवचन देंगे, जो साधकों को आध्यात्मिक ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा।

सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजनों की धूम

महासम्मेलन में आनन्द मार्ग के प्रसिद्ध प्रभात संगीत का गायन होगा, जिसका अनुवाद भी प्रस्तुत किया जाएगा। हरि परिमण्डल गोष्ठी के तत्वावधान में कौशिकी व तांडव नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा, जो मानसिक व शारीरिक सुदृढ़ता के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही, विभिन्न विभागों और शाखाओं के सेक्टोरियल सचिवों की बैठक होगी, जिसमें संगठन के विस्तार और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम “रावा” (REENA – Renaissance Artist & Writers Association) का निर्देशन प्रोफेसर मृणाल पाठक करेंगे। इस दौरान अंतरजातीय, दहेजमुक्त विवाह भी संपन्न कराए जाएंगे, जिससे समाज में समानता और समरसता का संदेश दिया जाएगा।

सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव की पहल

महासम्मेलन में आनन्द मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल (AMURT-G) की ओर से चिकित्सीय सेवाएँ प्रदान की जाएंगी। वहीं, प्रऊत (प्रगतिशील उपयोग तत्व) सिद्धांत पर आधारित बैठक में सामाजिक-आर्थिक समस्याओं जैसे गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता पर चर्चा की जाएगी और इनके समाधान के लिए योजना बनाई जाएगी।

इस आयोजन में आनन्द मार्ग की विचारधारा, आध्यात्मिक साहित्य, पत्र-पत्रिकाएँ, प्रतीक चिन्ह, और प्राकृतिक औषधियाँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी। सम्मेलन के समापन पर साधकगण भगवान श्री श्री आनन्दमूर्ति जी के आशीर्वाद के साथ नई ऊर्जा और प्रेरणा लेकर अपने गंतव्य की ओर लौटेंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *