नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह अगले 48 घंटों के भीतर अपने पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल हाल ही में तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं, जहां वह कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें 13 सितंबर को जमानत पर रिहा किया गया।
केजरीवाल ने कहा, “मैं दो दिनों के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दूंगा। मैं तब तक उस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता का निर्णय नहीं आ जाता। दिल्ली में चुनाव अभी कुछ महीनों दूर हैं। मुझे न्यायालय से न्याय मिला है, अब मुझे जनता के दरबार से न्याय चाहिए। मैं जनता के आदेश के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।”
कैबिनेट की बैठक में होगा नए मुख्यमंत्री का चयन
केजरीवाल ने यह भी बताया कि अगले दो दिनों में कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने (केजरीवाल ने) जनता के लिए काम किया है, तो उन्हें समर्थन दें और अगर निर्दोष मानते हैं तो उन्हें वोट दें।
जेल में बिताए समय को किया याद
केजरीवाल ने अपनी जेल यात्रा के दौरान भगवान का धन्यवाद करते हुए उन लाखों लोगों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनके और आप नेताओं मनीष सिसोदिया तथा संजय सिंह के लिए प्रार्थनाएँ कीं। जेल में बिताए समय को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने इस दौरान गीता, रामायण, महाभारत और स्वतंत्रता संग्रामियों के लेख पढ़े।
उन्होंने शहीद भगत सिंह के जेल से लिखे गए पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन में भी उनके पत्र उनके दोस्तों तक पहुँचाए जाते थे, लेकिन जब उन्होंने उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आप नेता आतिशी को स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का आग्रह किया, तो वह पत्र उन्हें वापस कर दिया गया।
वर्तमान सरकार पर तानाशाही का आरोप
केजरीवाल ने वर्तमान सरकार की तुलना ब्रिटिश शासन से करते हुए कहा, “मुझे बताया गया कि अगर मैंने फिर से एलजी को पत्र लिखा, तो मुझे अपने परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा। यह सरकार ब्रिटिश शासन से भी ज्यादा तानाशाही कर रही है।”
अब, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली की राजनीति में यह बड़ा घटनाक्रम किस ओर मोड़ लेगा और कौन बनेगा राजधानी का अगला मुख्यमंत्री।