बांदीपोरा मुठभेड़ में लश्कर कमांडर अल्ताफ लल्ली ढेर
सेना-पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सफलता, अन्य आतंकियों की तलाश तेज
बांदीपोरा/श्रीनगर, 25 अप्रैल।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर अल्ताफ लल्ली मारा गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा थी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आतंकियों को घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई, जिसमें लश्कर का वांछित आतंकी अल्ताफ लल्ली मारा गया। लल्ली को हालिया आतंकी गतिविधियों का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा था।
एक आतंकी भाग निकला, दो पुलिसकर्मी घायल
मुठभेड़ के दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, जो एक वरिष्ठ अधिकारी की सुरक्षा टीम में शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, एक अन्य आतंकी गोली लगने के बाद भागने में सफल रहा, जिसकी तलाश अब भी जारी है।
सेना प्रमुख पहुंचे श्रीनगर, लिया हालात का जायजा
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे और चल रहे अभियानों की समीक्षा की। उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों से जमीनी हालात की जानकारी ली और आने वाले दिनों में कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।
आतंकियों के घरों पर चला बुलडोजर
पुलिस और प्रशासन ने हमले से जुड़े आतंकियों के घरों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। अनंतनाग के बिजबेहड़ा में लश्कर से जुड़े आतंकी आदिल हुसैन ठोकर के घर को विस्फोटकों से उड़ाया गया, जबकि त्राल में आरोपी आसिफ शेख का मकान बुलडोजर से गिरा दिया गया।
₹20 लाख का इनाम, जारी हुए स्केच
अनंतनाग पुलिस ने आदिल ठोकर और दो पाकिस्तानी आतंकियों – अली भाई और हाशिम मूसा – के बारे में सूचना देने पर ₹20 लाख का इनाम घोषित किया है। तीनों के स्केच जारी कर दिए गए हैं और दक्षिण कश्मीर में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
गवाहों की दहशतभरी आपबीती
पहाड़ों में बसे बैसरण घाटी के चश्मदीदों ने बताया कि आतंकी सेना की वर्दी में थे। वे पर्यटकों से पहचान पत्र मांगकर उनका धर्म पूछते थे और गैर-मुस्लिमों को नजदीक से गोली मार देते थे। इस बर्बरता ने पूरी घाटी को झकझोर कर रख दिया है।
संदेश स्पष्ट : आतंक के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि पहलगाम की घटना का बदला लिया जाएगा और इस मिशन को अंतिम आतंकी के सफाए तक जारी रखा जाएगा। बांदीपोरा की कार्रवाई इसी दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।