बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मोदी-यूनुस की पहली मुलाकात, बढ़ते तनावों के बीच कूटनीतिक पहल
बीआईएमएसटीईसी सम्मेलन के दौरान हुई बातचीत, भारत-पूर्वोत्तर को लेकर दिए बयान पर छिड़ा विवाद

बैंकॉक/नई दिल्ली। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में आई खटास के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस की पहली औपचारिक मुलाकात गुरुवार को बैंकॉक में हुई। यह बातचीत बीआईएमएसटीईसी सम्मेलन के दौरान हुई, जिसे कूटनीतिक दृष्टि से एक अहम पहल के तौर पर देखा जा रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे, जिससे भारत की ओर से रिश्तों में संतुलन बनाने की गंभीर मंशा स्पष्ट होती है।

डॉ. यूनुस, जिन्हें शेख हसीना की सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के बाद अंतरिम प्रशासन की कमान सौंपी गई थी, उनकी भारत यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच संबंध कई मुद्दों को लेकर तनावपूर्ण बने हुए हैं।

चीन दौरे के बयान ने भड़काया विवाद

बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख यूनुस द्वारा हाल ही में चीन यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान ने भारत में खासा आक्रोश पैदा कर दिया। यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को “लैंडलॉक्ड” (भू-आवृत) बताया और बांग्लादेश को “सात बहनों के लिए समुद्र तक पहुंच का संरक्षक” करार दिया। उनके इस बयान को न केवल भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप माना जा रहा है, बल्कि यह क्षेत्रीय संप्रभुता के प्रति खतरे के रूप में भी देखा जा रहा है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूनुस का बयान “आपत्तिजनक और निंदनीय” है। उन्होंने कहा, “ऐसे विचार सिलिगुड़ी कॉरिडोर को लेकर पुराने और खतरनाक एजेंडे की ओर इशारा करते हैं। हमें पूर्वोत्तर भारत के साथ संपर्क को मजबूत करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का विकास शीघ्र करना होगा।”

अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता

भारत ने बांग्लादेश में हाल ही में अल्पसंख्यकों पर हुए कथित हमलों को लेकर चिंता जताई है, जिस पर नई सरकार का जवाब रहा कि “बांग्लादेश के अल्पसंख्यक, बांग्लादेश की आंतरिक जिम्मेदारी हैं।” भारत ने इस रूख पर भी अप्रसन्नता जाहिर की थी।

मोदी ने पहले भेजी थी शुभकामनाएं

हालांकि इन तनावों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मार्च को बांग्लादेश की स्वतंत्रता दिवस पर यूनुस को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी थीं और साझा इतिहास व सहयोग की भावना को दोहराया था। उन्होंने पत्र में लिखा, “हम शांति, स्थिरता और समृद्धि के साझा लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं, और आपसी हितों व संवेदनशीलताओं के प्रति सम्मान बनाए रखेंगे।”

अब आगे की दिशा पर नजर

इस मुलाकात को लेकर विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह भारत-बांग्लादेश के संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने की शुरुआत हो सकती है। परंतु डॉ. यूनुस के बयान और बांग्लादेश-चीन नजदीकियों के चलते भारत की रणनीतिक चिंताएं बरकरार हैं।

 

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