पटना
बिहार में एड्स (HIV/AIDS) के बढ़ते मामलों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में एड्स संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे समाज के कुछ विशेष वर्गों पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है। इनमें मुख्य रूप से युवा और परिवहन क्षेत्र के लोग शामिल हैं, जो इस घातक बीमारी का शिकार बन रहे हैं।
पश्चिम चंपारण और गोपालगंज में बढ़े मामले स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम चंपारण के बेतिया जिले में अब तक 3,583 लोग एड्स से संक्रमित पाए गए हैं। वहीं गोपालगंज में कुल 3,100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इन दोनों जिलों के अलावा राज्य के कई अन्य जिलों में भी एड्स के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य महकमे की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
युवाओं में बढ़ती एड्स की प्रवृत्ति विशेषज्ञों की मानें तो एड्स का सबसे ज्यादा असर युवाओं पर हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 5 से 10 प्रतिशत युवा ड्रग्स लेने के दौरान एक ही इंजेक्शन का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे एड्स का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यह प्रवृत्ति स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चुनौती बनकर सामने आई है, क्योंकि ये युवा संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
ड्राइवरों में भी संक्रमण का खतरा इसके अलावा, एक और चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि लगभग 30 प्रतिशत एड्स पीड़ित ड्राइवर हैं, जो होटल और ढाबों पर संक्रमित भोजन ग्रहण करने और असुरक्षित यौन संबंधों के कारण इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इन ड्राइवरों ने एक से अधिक महिलाओं के साथ संबंध बनाए हैं, जिससे संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता एड्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी जिलों में जागरूकता अभियान तेज कर दिया है। विभिन्न जिलों में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ पुलिस भी सक्रिय रूप से देह व्यापार के अड्डों पर कार्रवाई कर रही है। सरकार के निर्देश पर जागरूकता अभियान को युद्धस्तर पर चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि समाज को इस घातक बीमारी से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस में विशेष रूप से युवाओं को सावधान रहने और ड्रग्स तथा असुरक्षित यौन संबंधों से दूर रहने की अपील की गई है। अधिकारियों का मानना है कि जागरूकता ही इस बीमारी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।