पटना

बिहार को नए राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान मिल गए हैं। सोमवार को राजभवन के राजेंद्र मंडपम में आयोजित भव्य समारोह में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्णन विनोद चंद्रन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा सहित कई मंत्री, नेता और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

26 साल बाद मुस्लिम राज्यपाल
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण के साथ ही बिहार को 26 साल बाद मुस्लिम राज्यपाल मिला है। इससे पहले एआर किदवई 1993 से 1998 तक राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

चुनावी साल में राजनीतिक हलचल
गौरतलब है कि 24 दिसंबर को केंद्र सरकार ने बिहार के राज्यपाल में बदलाव किया था। इस बदलाव के तहत केरल के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया। वहीं, बिहार के पूर्व राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को केरल भेजा गया। चुनावी साल में इस बदलाव को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है।

राजनीति में लंबा अनुभव
आरिफ मोहम्मद खान का राजनीतिक सफर बेहद खास रहा है। उन्होंने जनता पार्टी, लोकदल, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे बड़े राजनीतिक दलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। केरल के राज्यपाल के रूप में उनके अनुभव को देखते हुए बिहार में उनकी नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।

सामाजिक और राजनीतिक संतुलन की उम्मीद
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आरिफ मोहम्मद खान के रूप में बिहार को ऐसा राज्यपाल मिला है, जो सामाजिक और राजनीतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह नियुक्ति और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

 

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