बिहार में चल रहे विधानसभा उपचुनावों में जन सुराज पार्टी का प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। गाँव-गली से लेकर शहरों के चौराहों तक, हर जगह पार्टी का समर्थन देखने को मिल रहा है। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता इन चुनावों में पूरी तैयारी के साथ जुटे हुए हैं, और हर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार में सबसे आगे हैं।
चौपालों पर पार्टी के विचारों की चर्चा हो रही है, वहीं शहरों में चौक-चौराहों पर जन सुराज के नारे गूंज रहे हैं। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का मानना है कि उनकी विचारधारा महात्मा गाँधी की विचारधारा से प्रेरित है, जो जनता की भलाई और सशक्तिकरण पर केंद्रित है। उनका दावा है कि यह आंदोलन बिहार से शुरू होकर देश के अन्य राज्यों में भी फैलेगा, और भविष्य में केंद्र की राजनीति को भी प्रभावित करेगा।
जन सुराज के कार्यकर्ता 1977 के जेपी आंदोलन की तरह इस बदलाव की लहर को हर घर तक पहुँचाने का संकल्प ले चुके हैं।
पार्टी के सदस्य रमेश सिंह का कहना है, “गाँधी के आदर्शों पर चलकर हम बिहार में जनता का शासन, यानी जन सुराज स्थापित करके हीं रहेंगे।”
जनता की भागीदारी और समर्थन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बिहार के चारों उपचुनावों में जन सुराज पार्टी की एक नई लहर उभर रही है।