डॉ. बी. राजेंदर बने अपर मुख्य सचिव
पटना।
नए साल की शुरुआत के साथ बिहार सरकार ने खेल और सामान्य प्रशासन विभाग में नई ऊर्जा का संचार किया है। 1995 बैच के अनुभवी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी डॉ. बी. राजेंदर ने 1 जनवरी 2025 को अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया। डॉ. राजेंदर, जिन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में 30 वर्षों का व्यापक अनुभव हासिल किया है, अब खेल और सामान्य प्रशासन विभाग में नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ. राजेंदर इससे पहले कृषि, श्रम संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभागों में कार्य कर चुके हैं। वहीं, जिलाधिकारी के रूप में उन्होंने मधुबनी, दरभंगा, सारण और पटना जैसे प्रमुख जिलों में अपनी प्रशासनिक क्षमता का प्रदर्शन किया है।
खेल अवसंरचना और प्रोत्साहन पर रहेगा फोकस
पदभार संभालने के बाद डॉ. बी. राजेंदर ने कहा कि बिहार में खेल के विकास को नई गति दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ बुनियादी ढांचा तैयार करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि खेल संस्कृति को मजबूत बनाना और युवाओं को इससे जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि हर बुधवार को विभागीय अधिकारियों और जिला खेल पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जिलों की खेल स्थिति का आकलन किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के प्रखंडों और गांवों में खेल क्लबों को सक्रिय करना, खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देना और नई प्रतिभाओं को उभारने का काम प्राथमिकता से किया जाएगा।
खेल आयोजनों से बिहार की बदलेगी छवि
पिछले वर्ष बिहार में कई बड़े खेल आयोजन हुए, जैसे कि महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और मशाल-विश्व खेल प्रतिभा खोज। इन आयोजनों ने राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है। इस वर्ष राज्य सरकार महिला विश्व कप कबड्डी, मेंस एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और पारा गेम्स जैसे प्रतिष्ठित खेल आयोजनों की मेजबानी करने जा रही है।
डॉ. राजेंदर ने कहा कि इन आयोजनों से न केवल खिलाड़ियों को मौका मिलेगा, बल्कि बिहार की छवि को भी विश्व पटल पर मजबूती मिलेगी। खेल विभाग अब हर जिले में खेल सुविधाओं के रखरखाव और विस्तार पर विशेष जोर देगा।
खेलों को प्रोत्साहन देने के इस संकल्प के साथ डॉ. बी. राजेंदर ने पदभार संभाला और कहा कि खेल सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सामाजिक विकास का महत्वपूर्ण माध्यम है।