बिहार में बदलाव की हुंकार : प्रशांत किशोर 20 मई से शुरू करेंगे ‘बदलाव यात्रा’
जन सुराज पार्टी की प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान की भी घोषणा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर उठाए सवाल
पटना।
बिहार की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत देते हुए जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की घोषणा की। यह यात्रा आगामी 20 मई से शुरू होगी, जिसके ज़रिए राज्य में शिक्षा, रोज़गार और पलायन जैसे मुद्दों पर जनता से संवाद स्थापित किया जाएगा। यात्रा से पहले 11 मई से पार्टी एक राज्यव्यापी हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल की समीक्षा की जाएगी।
प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “बिहार में अब यह बात तय है कि जनता बदलाव चाहती है। चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या राजनीतिक दल से हो, सबने पिछले 30-35 वर्षों में नेताओं को आजमा लिया है। लेकिन मूल समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। ना शिक्षा में सुधार हुआ, ना युवाओं को रोजगार मिला और ना ही पलायन रुका। लोग दूसरे राज्यों की तरक्की देखकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।”
किशोर ने साफ़ कहा कि बदलाव अब अपरिहार्य है। “नेतृत्व किसके हाथ में होगा, इस पर बहस हो सकती है। हो सकता है बदलाव का अगुवा जन सुराज बने। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जनता बदलाव के पक्ष में खड़ी है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने जानकारी दी कि बदलाव यात्रा से पहले पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों पर तीन अहम मुद्दों को लेकर एक करोड़ लोगों से बात की जाएगी—जनगणना में जातिगत गणना, दलित-महादलित परिवारों को ज़मीन वितरण और भूमि सर्वेक्षण का हाल।
इस बीच किशोर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी निंदा की, जिसमें 22 अप्रैल को 26 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे मुद्दे केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं और ऐसे मामलों में हर नागरिक को राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए।”
जन सुराज पार्टी इस साल के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार पूरी ताक़त से उतरने की तैयारी में है। पार्टी ने इससे पहले कुछ उपचुनावों में भाग लिया था, लेकिन उसे उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली।