सावन का महीना हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। इसे श्रावण मास भी कहा जाता है और यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है। सावन मास की शुरुआत के साथ ही वातावरण में एक नई ताजगी और हरियाली छा जाती है। इस महीने में श्रद्धालु विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं।
सावन का महत्व:
सावन मास का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि इस महीने को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने पीकर संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। इस विष के प्रभाव को शांत करने के लिए देवी-देवताओं ने सावन महीने में उन्हें जल अर्पित किया। तभी से इस मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा प्रचलित है।
सावन की पूजा और व्रत:
सावन महीने में विशेष रूप से सोमवार का दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है, जिसे “सावन सोमवार” कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शिव मंदिरों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। महिलाएं और कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को करती हैं, क्योंकि माना जाता है कि इससे उन्हें अच्छे पति की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, इस महीने में कांवड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। कांवड़िए गंगाजल को कांवड़ में भरकर पैदल यात्रा करते हुए अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं। यह यात्रा भक्ति और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण है।
सावन की हरियाली:
सावन का महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के सौंदर्य का भी महीना है। इस महीने में मानसून की बारिश से धरती हरी-भरी हो जाती है। खेतों में फसलें लहलहाने लगती हैं और पेड़-पौधे नई कोंपलों से भर जाते हैं। यह महीना पर्यावरण प्रेमियों के लिए भी विशेष होता है क्योंकि प्रकृति अपने पूरे श्रृंगार में होती है।
सावन के त्योहार और उत्सव:
सावन मास में कई प्रमुख त्योहार भी आते हैं। नाग पंचमी, हरियाली तीज, रक्षा बंधन और जन्माष्टमी जैसे प्रमुख त्योहार इसी महीने में मनाए जाते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है, जबकि हरियाली तीज को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं। रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है और जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है।
निष्कर्ष:
सावन महोत्सव हिंदू धर्म में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह महीना न केवल भगवान शिव की भक्ति और उपासना का समय है, बल्कि यह प्रकृति की हरियाली और सुंदरता का भी प्रतीक है। सावन का महीना हमें भक्ति, समर्पण और प्रकृति प्रेम का संदेश देता है। इस पावन महीने में भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु तन-मन से उनकी आराधना करते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं।