बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग पर अनशन जारी

पटना
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह गांधी मैदान में अनशन स्थल से हिरासत में लेकर पटना एम्स में भर्ती कराया गया। किशोर बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे।

अवैध घोषित हुआ प्रदर्शन
जिला प्रशासन ने गांधी मैदान के महात्मा गांधी प्रतिमा के पास चल रहे प्रदर्शन को “अवैध” करार दिया। जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि यह क्षेत्र निषेधित है और वहां किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन करना नियमों के खिलाफ है। पुलिस ने इस संबंध में किशोर और उनके करीब 150 समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस कार्रवाई का विरोध
प्रशांत किशोर को हटाते समय उनके समर्थकों ने जोरदार विरोध किया और “वंदे मातरम” के नारे लगाए। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिस द्वारा किशोर को एंबुलेंस में ले जाते हुए देखा गया। इस दौरान समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया।

अनियमितताओं पर न्याय की मांग
प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू की थी। उनका आरोप है कि 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक हुआ था, जिससे हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लग गया। हालांकि, बीपीएससी ने 4 जनवरी को एक बयान में कहा कि पुनर्परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई और किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली।

पुनर्परीक्षा पर सवाल
पुनर्परीक्षा में 8,111 अभ्यर्थियों में से 5,943 ने भाग लिया। किशोर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुनर्परीक्षा करना समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने बीपीएससी पर व्यापक अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की।

उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी
प्रशांत किशोर ने कहा, “हम न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। 7 जनवरी को हम पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।”

प्रशासन का कड़ा रुख
प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के बाद गांधी मैदान में सुरक्षा कड़ी कर दी है और वाहनों की जांच शुरू की है। अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा की प्रक्रिया पारदर्शी रही है

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