कान्स 2025 में दमकता भारतीय सिनेमा : ‘लाइट्स, ब्यूटी एंड एक्शन’ थीम में दिखा भारत का ग्लैमर और संस्कृति का संगम
पायल कपाड़िया बनी जूरी की सदस्य, कई बॉलीवुड सितारों ने रेड कार्पेट पर बिखेरा जलवा, भारत मंडप का हुआ उद्घाटन

78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में इस वर्ष भारत की चमक और संस्कृति ने वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है। 13 से 24 मई तक चल रहे इस भव्य फिल्म महोत्सव का थीम “लाइट्स, ब्यूटी एंड एक्शन” है, जिसमें भारतीय सिनेमा, फैशन और परोपकार की जुगलबंदी ने कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां दी हैं।

इस बार कान्स का रेड कार्पेट भारतीय हस्तियों से गुलजार रहा। बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन से लेकर युवा सितारे जान्हवी कपूर, ईशान खट्टर, और नितांशी गोयल तक, सभी ने अपनी मौजूदगी से महोत्सव को खास बना दिया। वरिष्ठ अदाकारा शर्मिला टैगोर और सिमी गरेवाल की उपस्थिति ने भारतीय सिनेमा के गौरवशाली अतीत की याद दिलाई।

पायल कपाड़िया का ऐतिहासिक सफर जारी
भारतीय फिल्म निर्देशक पायल कपाड़िया ने इस बार इतिहास रचते हुए कान्स फिल्म फेस्टिवल की जूरी में शामिल होकर उद्घाटन समारोह में भाग लिया। यह वही पायल हैं जिन्होंने पिछले वर्ष अपनी फिल्म All We Imagine As Light के लिए ग्रां प्री पुरस्कार जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। मलयालम-हिंदी में बनी यह फिल्म 30 वर्षों में पहली भारतीय प्रविष्टि के रूप में मुख्य प्रतियोगिता खंड में शामिल हुई थी।

ये सितारे भी पहुंचे कान्स 2025 में:
आलिया भट्ट, करन जौहर, विशाल जेठवा, उर्वशी रौतेला, जैकलीन फर्नांडीस, शालिनी पासी और अनुपम खेर जैसे नामचीन चेहरे भी इस बार कान्स के रेड कार्पेट पर नजर आए।

भारत मंडप का हुआ उद्घाटन
कान्स में भारतीय प्रतिनिधित्व को मजबूती देते हुए इस वर्ष भारत मंडप (Bharat Pavilion) का भी उद्घाटन किया गया। उद्घाटन समारोह में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) और NFDC के फेस्टिवल निदेशक शेखर कपूर, वरिष्ठ अभिनेता अनुपम खेर और पेरिस क्षेत्र की विशेष प्रतिनिधि ऐनी-लुईस मेसादिउ उपस्थित रहीं।

शेखर कपूर बोले – कहानियाँ सुनाना नहीं, दूसरों को सुनाना सिखाना ही असली कला है
अपने उद्घाटन संबोधन में शेखर कपूर ने सिनेमा की ताकत पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कहानी कहने की कला सिर्फ कहानी कहने की नहीं, बल्कि दूसरों को अपनी कहानी सुनाना सिखाने की कला है। यही वजह है कि हमें फिल्म महोत्सवों की ज़रूरत है – ताकि दुनिया भर से लोग आकर अपनी कहानियाँ एक-दूसरे को सुना सकें।”

संस्कृति और सिनेमा का अद्भुत संगम
कान्स 2025 न सिर्फ भारतीय प्रतिभा का उत्सव रहा, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, फैशन, महिला सशक्तिकरण और विश्व सिनेमा में योगदान को दर्शाने वाला एक वैश्विक मंच भी बना। जैसे-जैसे यह फिल्म महोत्सव आगे बढ़ रहा है, भारतीय सिनेमा का प्रभाव और भी गहरा होता जा रहा है।

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