अल्मोडोवार की ‘द रूम नेक्स्ट डोर’
द न्यूयॉर्क की पहाड़ियों में सजी एक दिल को छू लेने वाली कहानी
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता पेद्रो अल्मोडोवार ने अपनी नई फिल्म ‘द रूम नेक्स्ट डोर’ (2024) में मृत्यु को बेहद संजीदा और गहराई से पेश किया है। यह उनकी पहली अंग्रेजी भाषा की फीचर फिल्म है, जिसे आंशिक रूप से स्पेन के बाहर शूट किया गया है। अल्मोडोवार के प्रशंसकों के लिए यह न केवल चौंकाने वाला बल्कि एक अलग अनुभव भी है।
कहानी का केंद्र: दोस्ती और मृत्यु का सामना
कहानी दो पुरानी सहेलियों, इंग्रिड और मार्था के इर्द-गिर्द घूमती है। इंग्रिड एक प्रसिद्ध लेखिका हैं, जिन्होंने हाल ही में मृत्यु पर एक किताब लिखी है। वहीं, मार्था, जो एक युद्ध संवाददाता रही हैं, कैंसर से पीड़ित हैं और अंतिम समय में जीवन को अपने तरीके से समाप्त करने का निर्णय लेती हैं।
मार्था अपने आखिरी दिनों को किसी करीबी के साथ बिताना चाहती हैं। जब कोई अन्य मित्र तैयार नहीं होता, तो इंग्रिड उनके साथ समय बिताने के लिए सहमत हो जाती हैं। यह कहानी उनके द्वारा साझा किए गए अंतिम हफ्तों, दिनों और क्षणों की है।
अमेरिकी परिवेश, लेकिन अल्मोडोवार की छाप
फिल्म को अमेरिकी पृष्ठभूमि में सेट किया गया है। हालांकि, अल्मोडोवार ने अपनी अनूठी सिनेमाई शैली और गहरी कहानी कहने की कला को बरकरार रखा है। सिग्रिड नुनेज की एक पुस्तक पर आधारित इस फिल्म की पटकथा में संवाद गहरे और स्वाभाविक हैं।
टिल्डा स्विंटन और जूलियन मूर का अद्भुत प्रदर्शन
फिल्म में टिल्डा स्विंटन और जूलियन मूर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। इनका प्रदर्शन न केवल प्रभावशाली है, बल्कि यह पात्रों को और गहराई देता है। उनकी भूमिका इस तरह गढ़ी गई है कि लगता है जैसे इन्हें उन्हीं के लिए लिखा गया हो।
सौंदर्य और गहराई का मेल
अल्मोडोवार की विशिष्ट रंग योजना और दृश्य सौंदर्य हर फ्रेम को एक कलाकृति बनाती है। फिल्म में मृत्यु और जीवन की गहराई को संवेदनशीलता से उभारा गया है।
एक जरूरी संवाद
फिल्म केवल एक कहानी नहीं है; यह जीवन, मृत्यु और दोस्ती पर गहरी सोच को प्रेरित करती है। दर्शकों के लिए यह एक ऐसा अनुभव है, जो उन्हें बदलकर रख देता है।
‘द रूम नेक्स्ट डोर’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक ऐसा दर्पण है, जिसमें हम अपने डर और भावनाओं को देख सकते हैं। मृत्यु अब उतनी डरावनी नहीं लगती।