दानापुर में काव्य के रंग बिखरे, देशभर के कवि हुए शामिल
राष्ट्रीय पाटलिपुत्र काव्य महोत्सव में 151 नवोदित कवियों ने दी प्रस्तुति
दानापुर कैंट स्थित भगवती देवी सभागार में कविवर पुरुषार्थी कला मंच का 40वां वार्षिकोत्सव एवं युगपुरुष राम बाबू सिंह पुरुषार्थी का 24वां स्मृति पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंच द्वारा राष्ट्रीय पाटलिपुत्र काव्य महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के 151 नवोदित कवियों ने अपनी कविताओं, गीतों और ग़ज़लों की प्रस्तुति दी।
वरिष्ठ कवियों ने किया उद्घाटन
कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. दिलीप कुमार, डॉ. सीमा कुमारी, कवि-समीक्षक रूपक कुमार और पूर्व सैनिक संघ, पटना के अध्यक्ष कैप्टन अनंत विजय सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि कैप्टन कुमार निरंजन ने की।
पत्रिका का लोकार्पण और कवियों का सम्मान
इस अवसर पर वार्षिक पत्रिका ‘शब्दांश’ और ‘लोकस्वर’ का लोकार्पण भी किया गया। पत्रिका का संपादन जय सिंह राठौर ने किया, जिसमें अन्य कवियों की भी रचनाएँ शामिल थीं। महोत्सव में शामिल सभी कवियों को अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
कवियों की रचनाओं ने बांधा समां
काव्य महोत्सव में कैप्टन कुमार निरंजन ने ‘त्याग हमारा अलंकार, तलवार हमारी भाषा’ सुनाकर देशभक्ति का भाव जगाया। भागीरथ वर्मा ‘मजदूर’ ने ‘ये लड़का के पाप, दहेज मांगना’ कविता के माध्यम से समाज को आईना दिखाया। डॉ. सुदर्शन चक्रवर्ती ने ‘बाबू फोरित हे ढेला’ सुनाकर हास्य-व्यंग्य का पुट भरा, तो कवि रूपक कुमार की रचना ‘कहा छूट पाता माटी का मोह’ ने दर्शकों को भावुक कर दिया।
कवयित्री डॉ. सीमा रानी की कविता ‘पूरी-पूरी पृथ्वी हैं बेटियां’ ने नारी शक्ति को सलाम किया। एमडी असलम सागर ने ‘राऊओ शंख बजाई, हमहूं देहब अजान, समय पर देश खातिर हम दिनो देहब जान’ सुनाकर देशभक्ति का जोश भरा।
सुरेंद्र शर्मा विशाल ने ‘रेगनी के काट पर धौराई देल रे बिहुना’ के माध्यम से ग्रामीण जीवन का चित्रण किया, तो मणिकांत मणि की ‘तपो भूमि के निर्मल माटी, जेकर नेक विचार’ ने बिहार की गरिमा का गुणगान किया। डॉ. सुषमा कुमारी की ‘मां की सीख’ और रजनीश कुमार गौरव की ‘अमानत गांधी के दिहल, भारत के बचाई’ ने सामाजिक संदेश दिया।
अंत में, अनिल कुमार सुमन की कविता ‘काहे न कौन डैनी दहेज़ को चबाई री माई’ ने श्रोताओं की आँखें नम कर दीं।
कला मंच का शानदार संचालन
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल कुमार ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों, कवियों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं।