694 की मौत, भारत ने भेजी मानवीय सहायता
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने 10,000 से अधिक मौतों की जताई आशंका

मंडले। शुक्रवार को म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडले में आए भीषण भूकंप ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। अब तक 694 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अमेरिका की एजेंसियों ने मृतकों का आंकड़ा 10,000 से अधिक पहुंचने की आशंका जताई है।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, भारत ने भेजी राहत सामग्री
भूकंप के बाद से ही बचाव दल लगातार मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। कई स्थानों पर स्थानीय लोग अपने हाथों से मलबा हटाकर लोगों को बाहर निकाल रहे हैं। इसी बीच भारत ने संकट की घड़ी में म्यांमार को मानवीय सहायता प्रदान करते हुए 15 टन राहत सामग्री भेजी है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारतीय वायुसेना के C-130J विमान से सोलर लैंप, खाद्य पैकेट और रसोई सेट जैसी आवश्यक सामग्री भेजी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर दुख जताते हुए म्यांमार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

चीन, रूस और अमेरिका का सहयोग
भूकंप के बाद चीन ने 37 सदस्यीय बचाव दल को अत्याधुनिक उपकरणों और ड्रोन के साथ म्यांमार भेजा है। वहीं, रूस ने दो विमानों के जरिए 120 आपातकालीन राहतकर्मी और जरूरी सामान म्यांमार रवाना किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मदद का ऐलान किया है, हालांकि अमेरिका की यूएसएआईडी एजेंसी ने हाल ही में बजट कटौती की थी। संयुक्त राष्ट्र ने भी राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर की सहायता राशि जारी की है।

थाईलैंड में भी झटके, 101 मजदूर लापता
इस भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड तक महसूस किया गया। राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। यहां एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत के गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 101 मजदूर लापता हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान
भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जिससे म्यांमार में व्यापक स्तर पर तबाही हुई। मंडले और राजधानी नेप्यीडॉ में सड़कों में दरारें आ गईं और कई मठ व सरकारी इमारतें धराशायी हो गईं।

भू-वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि म्यांमार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले ही कमजोर था और इस भूकंप ने हालात को और बिगाड़ दिया है। राहत एजेंसियों ने आशंका जताई है कि विनाश का पूरा आंकलन करने में कई सप्ताह लग सकते हैं।

म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलाइंग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दुर्लभ अपील करते हुए मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा, “मैं दुनिया के सभी देशों, संगठनों और लोगों से मदद की अपील करता हूं। कृपया हमारी सहायता करें। धन्यवाद।”

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