ईस्टर मंडे पर परमपावन पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन
वेटिकन सिटी।
पूरे विश्व में करोड़ों कैथोलिकों के आध्यात्मिक गुरु, पोप फ्रांसिस का सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को वेटिकन स्थित अपने आवास ‘कासा सांता मार्ता’ में निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।
सुबह 9:45 बजे, कार्डिनल केविन फैरेल, जो अपोस्टोलिक चेम्बर के कैमरलेंगो हैं, ने वेटिकन से पोप के निधन की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने भावुक शब्दों में कहा, “प्रिय भाइयों और बहनों, अत्यंत दुख के साथ आपको सूचित करता हूं कि हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस आज सुबह 7:35 बजे परमपिता के पास लौट गए। उन्होंने अपने जीवन को प्रभु और कलीसिया की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने हमें सुसमाचार के मूल्यों को निष्ठा, साहस और सार्वभौमिक प्रेम के साथ जीना सिखाया, विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के पक्ष में। हम उनके जीवन के आदर्श के लिए कृतज्ञता के साथ उनकी आत्मा को दयामय त्रिगुणमय ईश्वर को समर्पित करते हैं।”
बताया गया है कि फरवरी 2025 की शुरुआत में पोप फ्रांसिस को लगातार बढ़ती श्वसन संबंधी तकलीफ के कारण रोम के अगोस्तिनो जेमेली पॉलीक्लिनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने 18 फरवरी को उनके फेफड़ों में दोनों ओर निमोनिया का पता लगाया। अस्पताल में 38 दिन तक उपचार के बाद वे पुनः वेटिकन लौटे थे, परंतु स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका।
गौरतलब है कि पोप फ्रांसिस का स्वास्थ्य पहले से ही कमजोर था। अर्जेंटीना में युवा अवस्था में उन्हें गंभीर संक्रमण के चलते फेफड़े का एक हिस्सा शल्यचिकित्सा द्वारा हटाना पड़ा था। उम्र बढ़ने के साथ, उन्हें अक्सर श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। नवंबर 2023 में भी फेफड़ों में सूजन और फ्लू के कारण उन्हें संयुक्त अरब अमीरात यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।
अपनी दूरदर्शिता के अनुरूप, अप्रैल 2024 में पोप फ्रांसिस ने पोपीय अंतिम संस्कार की नवीन प्रक्रिया (Ordo Exsequiarum Romani Pontificis) को स्वीकृति दी थी। इस अद्यतन नियमावली में पोप के निधन के बाद पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक संभालने और धार्मिक अनुष्ठानों को सरल, सादगीपूर्ण बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
वेटिकन के अपोस्टोलिक समारोहों के मास्टर, आर्चबिशप डिएगो रावेली ने बताया कि दिवंगत पोप ने अपने अंतिम संस्कार को अत्यधिक भव्यता से दूर रखकर, विश्वासियों के बीच पुनरुत्थान में विश्वास को केंद्र में रखने की इच्छा व्यक्त की थी। आर्चबिशप रावेली ने कहा, “संशोधित अनुष्ठान यह दर्शाने का प्रयास करता है कि रोमन पोप का अंतिम संस्कार एक चरवाहे और मसीह के शिष्य का संस्कार है, न कि संसार की किसी महाशक्ति का।”
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की तारीख और कार्यक्रम वेटिकन जल्द घोषित करेगा।
रिपोर्ट : शिवांशु सिंह सत्या