ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन ने स्थानीय समस्याओं पर सेमिनार का किया आयोजन, कारखाना कर्मियों के हक में उठी एकजुट आवाज

जमालपुर, 30 मई।
ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (ERMU) कारखाना शाखा, जमालपुर द्वारा आज केंद्रीय संस्थान (C.I) प्रांगण में स्थानीय कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर एक महत्त्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। यूनियन की आवाज को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में कारखाना कर्मियों की उपस्थिति ने यूनियन के संघर्ष को व्यापक जनसमर्थन प्रदान किया।

सेमिनार का शुभारंभ यूनियन के उपाध्यक्ष कामरेड परमानंद कुमार द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुआ। इसके उपरांत शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं मंच संचालन परमानंद कुमार ने किया।

इस अवसर पर ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री कामरेड अमित घोष बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि जमालपुर रेल कारखाना की समस्याओं को लेकर यूनियन न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि केंद्रीय स्तर पर भी संघर्ष कर रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्थाई वार्ता तंत्र की बैठकों में इन मुद्दों को बार-बार उठाया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। मुख्य रेलवे अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर के उन्नयन के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है, जिससे जल्द ही अस्पताल मल्टी-स्पेशलिटी रूप में परिवर्तित होगा।

कार्यक्रम में केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड कौशिक जैस, कामरेड रुपातन दास, कामरेड सत्यजीत कुमार, केंद्रीय कोषाध्यक्ष कामरेड कृष्णेन्दु मुखर्जी, तथा AIRF कार्यकारी समिति सदस्य कामरेड वीरेंद्र प्रसाद यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

सेमिनार की शुरुआत कॉमरेड अनिल प्रसाद यादव के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने जमालपुर कारखाना में स्थाई कर्मियों से निर्माण कार्य कराने, कर्मचारी संख्या को 10,000 तक पहुंचाने, UPS में हो रही 10% वेतन कटौती को ब्याज सहित वापस दिलाने, MEMU-EMU तथा विद्युत इंजन का लोड जमालपुर को देने जैसी मांगों को प्रमुखता से उठाया।

महामंत्री अमित घोष ने कहा कि यूनियन ने हर मोर्चे पर कर्मचारियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है और आगे भी यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने UPS कटौती के मुद्दे पर कहा कि यूनियन की लड़ाई अब भी जारी है ताकि कर्मचारियों को उनका पैसा सूद सहित वापस दिलाया जा सके।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनावों के समय सरकार परस्त संगठन मौन रहते हैं और बाद में कर्मचारियों के बीच सहानुभूति दिखाने का दिखावा करते हैं। आज जब UPS और अन्य गंभीर मुद्दों पर संघर्ष की जरूरत है, वे संगठन नदारद हैं।

सेमिनार में कामरेड कौशिक जैस, वीरेंद्र प्रसाद यादव, शक्तिधर प्रसाद, तथा जुगल प्रसाद यादव ने भी अपने विचार रखे और कर्मचारियों से एकजुट रहने की अपील की।

सेमिनार में संयुक्त सचिव गोपाल जी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष रंजित कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, कमोज कुमार, रिजवान आलम, अभिमन्यु पासवान, रवींद्र यादव, संजीव कुमार, अमरेंद्र कुमार, अमित कुमार राय, धनंजय कुमार, शिवव्रत गौतम, देव शंकर सिंह, पंकज कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, चंदन कुमार, देवानंद सागर सहित बड़ी संख्या में यूनियन पदाधिकारी एवं महिला कमेटी की नूतन कुमारी, मधु कुमारी, कविता कुमारी, प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी, नीतू कुमारी, रेणु देवी समेत हजारों कारखाना कर्मी उपस्थित थे।

यह सेमिनार न सिर्फ स्थानीय कर्मचारियों की मांगों को मुखर करने का मंच बना, बल्कि आने वाले संघर्षों की नींव भी बन गया।

 

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