1953 में प्रदर्शित फिल्म “आई विटेलोनी” फेडेरिको फेलिनी की दूसरी फीचर फिल्म है, जो नियो-यथार्थवादी सिनेमैटोग्राफी, सामाजिक व्यंग्य और पात्र कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत करती है। फेलिनी ने इस फिल्म में अभिव्यक्ति के सभी साधनों का कुशलता से उपयोग किया है, जिसमें अभिनय का चयन और नियंत्रण, दृश्यात्मक रचना और संगीत की अभिव्यक्तिशीलता शामिल है, जिसे निनो रोता ने संगीतबद्ध किया है। यह फिल्म मानवता और संवेदनशीलता से भरपूर है और इसमें भविष्य में आने वाली फेलिनी की प्रमुख कृतियों के कई मुख्य विषयों की झलक देखने को मिलती है।
कहानी एक छोटे प्रांतीय इटालियन शहर में घटित होती है, जहाँ द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद भी जीवन सामान्य रूप से आगे बढ़ता है। पात्र, जिनमें से पाँच पुरुष इस फिल्म के नायक हैं, अपने माता-पिता या बहनों पर निर्भर रहते हैं, नौकरी की तलाश में अनिच्छा से समय बिताते हैं और स्थानीय महिलाओं के पीछे भागते हैं। फिल्म के अनौपचारिक नेता फौस्टो, मोराल्डो की बहन सैंड्रा को गर्भवती कर देते हैं और मजबूरन उससे शादी कर लेते हैं।
फिल्म में सबसे प्रमुख भावना ऊब है। फेलिनी ने इस ऊब को बेहद कुशलता से दर्शाया है, जहाँ उन्होंने लोकप्रिय नृत्य पार्टियों, थिएटर और कार्निवल की घटनाओं के दृश्य पेश किए हैं। इन दृश्यों के माध्यम से उन्होंने न केवल पात्रों के विकास को दर्शाया है, बल्कि फिल्म के दृश्यात्मक और वैचारिक तत्वों को भी समृद्ध किया है।
इस फिल्म में अल्बर्टो सोर्डी जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओं की भूमिका है, जिन्होंने 60 और 70 के दशक में इटालियन सिनेमा में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। “आई विटेलोनी” के पात्र न केवल फेलिनी की फिल्मोग्राफी में बल्कि विश्व सिनेमा में भी महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु बन गए हैं।
इस प्रकार, “आई विटेलोनी” एक ऐसा फिल्म है जिसे खोजा जाना चाहिए, पाया जाना चाहिए और आनंद के साथ देखा जाना चाहिए। यह फिल्म आज भी अपने गुणवत्ता मनोरंजन में सक्षम है, भले ही इसे रिलीज़ हुए सात दशकों से अधिक समय हो गया हो।
Nihal Dev Dutta