गांधी मैदान से जनसुराज की हुंकार:
प्रशांत किशोर ने भरी ताल, बोले – अब बिहार में जनता का राज तय है
नीतीश, मोदी और लालू पर साधा सीधा निशाना, प्रशासन की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल
पटना। शुक्रवार को राजधानी पटना के गांधी मैदान में जनसुराज अभियान की पहली विशाल रैली में प्रशांत किशोर ने जबरदस्त सियासी ताल ठोकी। भारी भीड़ की मौजूदगी में उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार अब बदलाव की दहलीज पर खड़ा है, जिसे कोई ताकत रोक नहीं सकती।
तीनों नेताओं पर जमकर बरसे किशोर
रैली के दौरान प्रशांत किशोर ने सवालिया लहजे में भीड़ से पूछा— “नीतीश कुमार को हटाना है कि नहीं?” जनता की गूंज सुनाते हुए उन्होंने आगे कहा— “अगर मोदी जी कहें कि नीतीश को मत हटाओ, तो क्या मान लेंगे? नहीं ना। लालू का जंगलराज चाहिए क्या? बिहार को अब जनता का राज चाहिए, तीनों नेताओं का नहीं।” किशोर ने स्पष्ट किया कि राज्य की जनता अब बदलाव चाहती है, और वह बदलाव होकर रहेगा।
जनता से किया वादा, गांव-गांव पहुंचने का एलान
जनसुराज प्रमुख ने मंच से एलान किया कि अगले दस दिनों में वे बिहार बदलाव यात्रा की शुरुआत करेंगे। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे थोड़ी देर रुकें, ताकि वे सभी से मिल सकें, साथ खाना खा सकें और तस्वीरें खिंचवा सकें। उन्होंने कहा— “आज से छह महीने बाद, नवंबर में बिहार में जनता की सरकार बनेगी।”
प्रशासन पर भी बरसे, जाम और अव्यवस्था के लिए मांगी माफी
प्रशांत किशोर ने पटना जिला प्रशासन की व्यवस्था पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग रैली में शामिल होना चाहते थे, लेकिन जाम और अव्यवस्था के कारण रास्ते में फंसे रह गए। उन्होंने कहा— “मैं खुद दो घंटे से सड़क पर घूम रहा हूं। हजारों लोग पैदल यहां आ रहे हैं। मेरी वजह से आपको जो कष्ट हुआ, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।”
बदलाव की लहर या नई राजनीति की दस्तक?
गांधी मैदान की इस ऐतिहासिक रैली ने बिहार की सियासत में एक नई हलचल जरूर पैदा कर दी है। प्रशांत किशोर का यह दावा कि वे गांव-गांव जाकर लोगों से मिलेंगे और नवंबर में ‘जनता की सरकार’ बनाएंगे, आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
रिपोर्ट: शिवांशु सिंह सत्या