मुंगेर, हवेली खड़गपुर

विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर मंगलवार को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाए गए। इस अवसर पर हवेली खड़गपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार ने गर्भनिरोधक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सुरक्षित यौन जीवन, स्वस्थ जीवन की दिशा में उठाया गया हर कदम न केवल व्यक्ति विशेष के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए आवश्यक है।”

डॉ. अखिलेश ने बताया कि 2024 का संदेश साफ है कि लोगों को गर्भनिरोधक के सुरक्षित विकल्प अपनाने चाहिए ताकि अनचाहे गर्भधारण से बचा जा सके और परिवार नियोजन को सही दिशा दी जा सके। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां बांटी गईं, वहीं 5 महिलाओं का बंध्याकरण और एक पुरुष की नसबंदी की गई।

कार्यक्रम में उपस्थित बीसीएम नीतू कुमारी ने घर-घर जाकर महिलाओं को परिवार नियोजन के महत्व को समझाया और गर्भनिरोधक के विभिन्न विकल्पों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कई बार जानकारी के अभाव में महिलाएं अनचाहे गर्भधारण का शिकार हो जाती हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार ने कई जागरूकता अभियान चलाए हैं।

गर्भनिरोधक से HIV और अन्य संक्रमणों पर भी लगेगा रोक

प्रमुख परामर्शदाता प्रणव कुमार ने कार्यक्रम में बताया कि गर्भनिरोधक न केवल परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह HIV और अन्य यौन संक्रमित रोगों से भी बचाव का जरिया है। “महिलाओं को यह अधिकार है कि वे कब माँ बनना चाहती हैं, और इसके लिए उन्हें सही विकल्प चुनने की जानकारी होनी चाहिए,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी बताया कि कॉपर टी, बर्थ कंट्रोल पिल्स, कंडोम और इंजेक्शनल गर्भनिरोधक जैसे कई आधुनिक विकल्प आज उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से परिवार नियोजन को कारगर तरीके से लागू किया जा सकता है।

गर्भनिरोधकों पर गलतफहमियों को दूर करना जरूरी: डॉ. अखिलेश

डॉ. अखिलेश ने कहा कि गर्भनिरोधकों को लेकर समाज में कई मिथक और गलत धारणाएं फैली हुई हैं, जिनकी वजह से लोग इनका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। “गर्भनिरोधक से जुड़े मिथकों को दूर करना बेहद जरूरी है ताकि हर व्यक्ति अपनी प्रजनन क्षमता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सके,” उन्होंने कहा।

उन्होंने आगे कहा कि गर्भनिरोधक विधियों का सही तरीके से इस्तेमाल करके महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है और मातृ मृत्यु दर में भी कमी लाई जा सकती है।

गर्भनिरोधक से मातृ मृत्यु दर में 50% की कमी संभव

विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भनिरोधक के सही और व्यापक उपयोग से मातृ मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। इस दिशा में काम करते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग सुरक्षित यौन जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकें।

विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर स्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया गया कि सही जानकारी और साधनों के साथ परिवार नियोजन को सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है, जिससे न केवल परिवारों की बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।

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