शिमला

शिमला जिले के संजौली क्षेत्र में एक ‘अवैध मस्जिद’ के निर्माण को लेकर गुरुवार को विद्यानसभा के पास चौड़ा मैदान में हिंदू संगठनों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए। ठाकुर ने राज्य के सभी सनातनियों से एकजुट होकर इस विरोध को समर्थन देने की अपील की थी।

यह विरोध प्रदर्शन 1 सितंबर को मल्याणा इलाके में एक व्यापारी पर हुए कथित हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों पर हमले का आरोप लगाया गया था। घटना के बाद लोगों ने मल्याणा में एकत्रित होकर वहां स्थित मस्जिद को गिराने की मांग की।

रुमित सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं और सरकार से उनकी पहचान की जांच कर उनके व्यवसायों का पंजीकरण सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुझे बुधवार को फोन किया और घटना पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बयान में कहा, “प्रदेश में सभी नागरिकों के समान अधिकार हैं और सभी धर्मों का सम्मान है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जानकारी दी कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और पिछले 14 वर्षों से मामला न्यायालय में लंबित है। वहीं, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, “कानून से ऊपर कोई नहीं है और जो भी कार्रवाई होगी, वह कानून के दायरे में रहकर की जाएगी, चाहे वह नगर निगम हो या पुलिस।”

विरोध प्रदर्शन के चलते चौड़ा मैदान और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की।

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