नई दिल्ली

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित दो मैचों की श्रृंखला के पहले मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम को मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी से 0-2 की शिकस्त का सामना करना पड़ा। गुरुवार को श्रृंखला का दूसरा और अंतिम मैच खेला जाएगा।

जर्मनी, जो ओलंपिक रजत पदक विजेता भी है, ने इस मुकाबले के लिए युवा खिलाड़ियों से सजी टीम उतारी और अपने प्रदर्शन से उम्मीदों पर खरी उतरी। मैच की शुरुआत में ही हेनरिक मर्टगेंस (4वें मिनट) और कप्तान लुकास विंडफेडर (30वें मिनट) ने गोल कर अपनी टीम को जीत दिलाई।

इस श्रृंखला को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह था, क्योंकि 2014 के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी राष्ट्रीय राजधानी में लौट रही थी। हालांकि, भारी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति के बावजूद भारतीय टीम के प्रशंसकों को निराशा हाथ लगी, जब कप्तान हरमनप्रीत सिंह का प्रदर्शन फीका रहा।

जर्मनी ने शुरुआत से ही खेल पर पकड़ बनाई और पहले क्वार्टर में भारतीय टीम को बैकफुट पर रखा। चौथे मिनट में जर्मनी ने भारत की कमजोर रक्षात्मक रणनीति का फायदा उठाकर पहला गोल कर बढ़त हासिल की। भारतीय टीम ने कई बार जर्मन सर्कल में प्रवेश किया, लेकिन असफल रही।

दूसरे क्वार्टर में भारत ने वापसी की कोशिश की और कई पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सकी। कप्तान हरमनप्रीत का खराब प्रदर्शन जारी रहा, जब 27वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक को वे गोल में नहीं बदल पाए।

हाफटाइम से ठीक पहले जर्मन कप्तान विंडफेडर ने पेनल्टी कॉर्नर से दूसरा गोल किया, जिससे जर्मनी को 2-0 की बढ़त मिल गई। दूसरे हाफ में भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया और एक बार फिर पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन हरमनप्रीत अपनी लय में नहीं दिखे।

अंततः, गोलकीपर को मैदान से हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी मैदान में लाने की भारतीय रणनीति भी नाकाम रही, और जर्मनी ने मुकाबला 2-0 से अपने नाम कर लिया।

 

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